संविधान में सभी नागरिकों को हैं ये मौलिक अधिकार : जाने इन अधिकारों के बारे में ,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
गणतंत्र दिवस पर संविधान काे लागू किया गया था। इसमें देश के हर नागरिक को एक समान रूप से कुछ ना कुछ अधिकार दिए गए थे. भारतीय नागरिकों को अभी तक बहुत से संविधान से जुड़े चीजों के बारे में जानकारी नहीं है. संविधान में सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार दिए गए हैं और वह अधिकार देश के हर नागरिकों के लिए सामान्य है. 26 जनवरी के मौके पर हम आपको कई नई चीजें बताने वाले हैं. जो शायद आपको नहीं मालूम होंगी.

स्वतंत्रता और समता का अधिकार –
भारतवर्ष में विभिन्न जाति के लोग निवास करते हैं. ऐसे में भाईचारे को बढ़ावा देने और जात-पात का भेदभाव खत्म करने के लिए सभी को समता का अधिकार है. जो संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 में दर्ज है. इसे छुआछूत जैसी कुप्रथा को खत्म करने के लिए बनाया गया था. स्वतंत्रता के अधिकारों को अनुच्छेद 19 से 22 में दिखाया गया है. इसमें सभी वर्ग के लोगों को ध्यान में रखा गया है. कोई भी वर्ग का व्यक्ति अपने मन से स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि वह काम गैर-कानूनी और असंवैधानिक नहीं होना चाहिए. जिससे कानून व्यवस्था बिगड़े. इस अनुच्छेद के मुताबिक आपको रहने, खाने, पहनने, लोगों की मदद करने आदि की स्वतंत्रता शामिल है.

धार्मिक स्वतंत्रता व शिक्षा का अधिकार –
अनुच्छेद 25-28 में हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है. धर्म के अनुसार वह अपनी पसंद के देवी-देवताओं की पूजा, उपासना करने के लिए स्वतंत्र है. अनुच्छेद 27 हर नागरिक को इस बात की गारंटी देता है कि किसी भी व्यक्ति को विशेष धर्म या धार्मिक संस्था को बढ़ावा देने के लिए उससे किसी भी प्रकार का टैक्स वसूला नहीं जाएगा. इसी तरह अनुच्छेद 29 और 30 में शिक्षा का अधिकार रखा गया है. सभी को शिक्षा प्राप्त करने का मौलिक अधिकार दिया गया है. इस अधिकार के तहत किसी को भी शिक्षा देने में भेदभाव नहीं किया जाएगा. सभी को एक समान शिक्षा मिलेगी. इसके अलावा संविधान के 86वें संशोधन अधिनियम 2002 धारा 21(A) जोड़ा गया है. जिसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम कहा जाता है. इस अधिकार के तहत देश में 6 से 14 साल के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा निर्धारित की गई है.

सरकारी सूचना प्राप्त करने का अधिकार –
अनुच्छेद 19 (1)A के तहत सभी को सूचना का अधिकार प्राप्त है. 15 जून 2005 को संसद में इसे पारित किया गया था और 12 अक्टूबर 2005 को पूरे देश में इसे लागू कर दिया गया था. इस अधिनियम के तहत आप किसी भी सरकारी सूचना को प्राप्त कर सकते हैं.