बसंत पंचमी के दिन संगीत की प्रतीक मां सरस्वती का किया जाता हैं पूजन ,

Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी पर छात्रों द्वारा किए गए इन विशेष उपायों  से प्रसन्न होंगी माता सरस्वती - Basant Panchami 2023 upay students should  follow these remedies for success in ...

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
बसंत पंचमी का पर्व इस वर्ष 26 जनवरी दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. शास्त्रों के अनुसार इस दिन ज्ञान कला और संगीत की प्रतीक मां सरस्वती का पूजन विधि विधान के साथ किया जाता है. मान्यता है कि मां सरस्वती आज ही के दिन उत्पन्न हुई थी. भारत में ऋतुओं को 6 भागों में बांटा गया है. उनमें से बसंत का बहुत महत्व है. इसे ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है.

भगवान राम पहुंचे थे शबरी की कुटिया में –
शास्त्रों की माने तो आज ही के दिन भगवान राम माता शबरी की कुटिया में पहुंचे थे. भगवान राम जब वनवास काट रहे थे उसी दौरान रावण ने सीता का हरण कर लिया था और प्रभु राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ सीता की खोज में निकले थे, तभी वह शबरी के आश्रम तक पहुंच गए. जहां शबरी ने प्रभु राम का स्वागत करते हुए उन्हें बड़ी श्रद्धा भाव से अपने झूठे बेर खिलाए थे. उस दिन बसंत पंचमी थी.

मां सरस्वती की होती है पूजा –
माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. इस दिन ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की बड़ी विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. यह दिन काफी शुभ माना जाता है. इसीलिए इस दिन विवाह , यज्ञोपवीत संस्कार , मुंडन संस्कार आदि मांगलिक कार्यक्रम किए जाते हैं.

बच्चों का होता है पाटी पूजन –
जो बच्चे स्कूल जाना शुरू करते हैं उनका आज ही के दिन पाटी पूजन मां सरस्वती के समक्ष कराया जाता है. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन पाटी पूजन करने से बच्चा ज्ञानी व समझदार होता है. इस दिन पूजा के समय माता सरस्वती के समक्ष अपनी कलम रखनी चाहिए, जिसका प्रयोग आप साल भर करते रहे.

सुबह उठकर हथेलियों को अवश्य देखें –
बसंत पंचमी के दिन सुबह उठते ही अपनी हथेलियों को अवश्य देखना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि हथेलियों में मां सरस्वती का वास होता है. इसके बाद स्नान कर मां सरस्वती की सफेद और पीले रंग के फूलों से पूजा करनी चाहिए. मां सरस्वती को पीला रंग बहुत पसंद है.

बसंत ऋतु में हरा भरा होता है नजारा –
बसंत ऋतु आते ही चारों ओर का नजारा बहुत ही हरा भरा हो जाता है. खेत खलिहान में बड़ी रौनक रहती है. इन दिनों मौसम भी बड़ा सुहाना होता है. प्रकृति का कण-कण खिल उठता है और समस्त जीव उल्लास से भरे रहते हैं.