अधिक ऊंचाई पर उड़ने से प्लेन का बढ़ता है माइलेज ,

रिपोर्ट : डेस्क रीडर टाइम्स
जब भी हम बाइक, कार या कोई व्हीलर खरीदते हैं तो हमेशा ये जरुर पूछते हैं कि ये कितना माइलेज देता है, उसमें तेल की कितनी खपत होती है. एक वक्त था जब सिर्फ अमीर लोग हवाई यात्रा करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है. हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. हवाई जहाज में बाकी व्हीलर की तरह ही ईंधन का इस्तेमाल होता है. हवाई जहाज भी एक खास तरह के ईंधन से चलता है. जिस प्रकार हम देखते हैं कि बाइक या कार कितना एवरेज या माइलेज देती है उसी प्रकार क्या आपने कभी सोचा है कि हवाईजहाज 1 लिटर में कितना माइलेज देता है यानी 1 लीटर ईंधन में कितना चलता है. हवाई यात्रा करते समय क्या आपके मन में ये सवाल कभी आया है.

यात्री प्लेन उड़ाने की अधिकतम सीमा 42 ,000 फीट है दुर्घटनाओं से बचने एवं अन्य वैज्ञानिक कारणों से यात्री प्लेन 30 से 40,000 या इससे अधिक ऊंचाई पर उड़ते हैं इस ऊंचाई पर प्लेन की पहाड़ियों पक्षियों और तूफान से टकराने का खतरा नहीं होता है इसके अलावा अधिक ऊंचाई पर हवा की परत पतली होती है और घने एयर मॉलिक्यूल क्यों होते हैं इसलिए प्लेन पूरी क्षमता से उड़ता है और प्लेन का माइलेज बढ़ता है .