रीडर टाइम्स डेस्क
राजस्थान के कठोर रेगिस्तान में रहने वाला ऊंट कई रहस्यों से भरा है अपनी मजबूत सहनशक्ति रेतीले धोरों पर चलने की क्षमता और मदमस्त चाल के साथ ऊंटो के चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं खास बात यह है कि उनके आंसू सांप के जहर को भी बेअसर करने की क्षमता रखते हैं ….

राजस्थान के सबसे कठोर और दुर्गम रेगिस्तान में कैसा प्राणी रहता है जो अपने आप में कहीं रहस्य में समेटे हुए अक्सर अपनी मदमस्त चाल सहनशक्ति और रेगिस्तान जीवन के लिए जाने जाने वाले ऊंट के कई बार बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं कभी उन्हें सांप खिलाया जाता है उनकी रेतीली धोरों पर चलने की ताकत और उनके आंसुओं के बारे में जो सांप के जहर को भी बेअसर करने की क्षमता रखते हैं।
ऊंट के आंसू की एक बूंद में 26 सांपों के जहर को करती है बेअसर –
दरअसल हाल ही में एक शोध ने इस बात का खुलासा किया कि ऊंट के एक आंसू की बूंद में 26 सांपों के शहर को काटने की शक्ति होती है। यह दावा दुबई की सेंट्रल वेटरनरी रिसर्च लेबोरेटरी के जरिए किए गए एक ज्ञान शोध के बाद किया गया जो ऊंट के आंसुओं की अद्भुत क्षमताओं पर प्रकाश डालता है।
संक्रमण से लड़ने वाले प्रोटीन और लाइसोजाइम –
सांप के जहर को भी बेअसर करने की क्षमता के अलावा ऊंट के आंसू कई अन्य महत्वपूर्ण गुणों से भरपूर होते हैं।
विभिन्न प्रोटीन –
ऊंट के आंसुओं में कई तरह के प्रोटीन पाए जाते हैं यह प्रोटीन सूत्र का विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो रेगिस्तान जैसे कठोर वातावरण में जीवित रहने के लिए आवश्यक है।
लाइसोजाइम –
ऊंट के आंसुओं में लाइसोजाइम नामक एक एंजाइम भी मौजूद होता है लाइसोजाइम को प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में माना जाता है। क्योंकि यह वायरस बैक्टीरिया और यहां तक की कुछ कीड़ों को भी रोकने और नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह ऊंट की आंखों को संक्रमण से सुरक्षित रखता है जो रेगिस्तान की धूल और गंदगी से भरी हवा में एक बड़ी चुनौती हो सकती है।