बिहार वोटर रिवीजन पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

रीडर टाइम्स डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से आधार कार्ड वोटर आईडी और राशन कार्ड को भी मान्य करने पर विचार करने को कहा …

बिहार वोटर लिस्ट संशोधन सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी टाइमिंग पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दी गई महत्वपूर्ण सलाह

बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेशिव रिवीजन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले होने वाले इस प्रक्रिया के वक्त पर सवाल उठाया जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने चुनाव आयोग से कहा कि वेरिफिकेशन ड्राइव के दौरान आधार निर्वाचन कार्ड और राशन कार्ड को वैध दस्तावेज माना जाए।

इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी चुनाव आयोग को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 21 जुलाई तक का समय दिया गया है। हालांकि अभी तक कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से आधार वोटर कार्ड और राशन कार्ड को प्रमाण पत्र के तौर पर शामिल करने को कहा चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई कि नामांकन में कई गलतियां और अवैधताएं हो रही हैं इस पर कोर्ट ने कहा कि हम आपको रोक नहीं रहे हैं हम आपसे कानून के तहत काम करने की गुजारिश कर रहे हैं।

याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि चुनाव आयोग के 25 जून के आदेश द्वारा की गई प्रक्रिया साफ तौर से धारा 21 के तहत वोटर लिस्ट का विशेष संशोधन न सिर्फ मतदाताओं के लिए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के प्रावधानों का भी उल्लंघन है।