मन से स्वच्छ और तन स्वस्थ हो : तभी हम अपना व दूसरों का भला कर सकते है – विचक्षण मुनि

सुरेंद्र मलनिया
रीडर टाइम्स न्यूज़
बड़ौत/ बागपत नगर के शहर स्तिथ स्थानक में ठहरे करीब आधा दर्जन संतो में कई संत सुमति प्रकाश जी महाराज के संघ भी मौजूद है। जिनमे विराजमान संत विचक्षण मुनि महाराज ने अपने प्रवचन में श्रद्धालुओ को बताया कि तमाम जुनियों में मनुष्य जन्म सर्व श्रेष्ठ जन्म होता है। इसमें अच्छे व पुण्य कर्म करके मनुष्य जन्म का लाभ उठाते हुए मोक्ष मुक्ति को प्राप्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि अगर आप मन से स्वच्छ नहीं है यानी आपके मन में विकारों की गंदगी भरी हुई है तो आप उससे चाहकर भी किसी के भले की ओर या पुण्य कर्म की ओर कदम नही बढ़ा सकते। ठीक उसी प्रकार ही उन्होंने शरीर के लिए बोलते हुए कहा अगर आप शरीर से स्वस्थ नही है तो भी आप किसी का भला नही कर सकते है क्योंकि अगर आप खुद ही पीड़ित है बीमारियों से ग्रसित है तो बिल्कुल भी किसी का भला नही कर पाएंगे।

इसलिए उन्होंने सभी से मन व तन से स्वस्थ रहने के लिए परम गुरुओं से कामना की। मन को स्वच्छ रखने के लिए पुण्य कर्म साधु संतो की सेवा अवश्य बताई तथा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खान पान पर कंट्रोल तथा जीवन स्ययम का ध्यान रखने तथा शाम को समय से सोएं तथा सुबह जल्दी जागे तथा मॉर्निंग वॉक तथा अन्य योग के साथ दैनिक क्रियाओं का भी क्रियावयन अवश्य करें तथा साथ ही उन्होंने कहा कि अधिक समय या पूरी – पूरी रात मोबाइल का इस्तेमाल बिलकुल न करें।

मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से शरीर में कई बीमारी लग जाती है जैसे आंखो से कम दिखाई देना , माइग्रेन इसके अलावा आपको पता भी नहीं चलेगा और साइबर क्राइम की चपेट में भी आप आ सकते है। उन्होंने विशेष तौर से बच्चो के अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वो बच्चों को मोबाइल से अवश्य दूर रखे क्योंकि बच्चो की कोमल आंखो पर इसका गहरा असर पड़ता है। इस अवसर पर राजू , दुर्गेश , बसंत , राजकुमार , हेमचंद जैन , सारिका जैन , प्रदीप जैन , मुकेश जैन , विद्या जैन , कृष्णा जैन , अनिल जैन आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।