हमेशा कायम रहेगी भारत-बंगलादेश मित्रता

सुरेंद्र मलनिया
रीडर टाइम्स न्यूज़
भारत ने हमेशा से ही अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों को बनाया उन्हें विकसित किया और उन्हें निभाया। बहरहाल सभी को खुश करना संभव नहीं है। खासकर जब आपके पड़ोसी देश (पाकिस्तान) के हित दुश्मनी से भरे हो। भारत के वे पड़ोसी देश जिनके साथ उसकी सीमाएं सांझी होती हैं , उनमें बंगलादेश भी एक मुल्क है जिसके संबंध भारत के साथ उसकी आजादी के समय से ही बहुत बेहतर संबंध रहे हैं व जिनमें कुछेक मामलों को छोड़ दें तो दोनों एक दूसरे के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक सभ्यताएं और सबसे ऊपर आर्थिक-संबंध सांझा करते हैं। बंगलादेश के स्वतंत्रता संग्राम को भारत ने सहयोग दिया और उसे नई ऊर्जा प्रदान की। भारत ही सबसे पहला राष्ट्र है जिसने 1971 में आजादी मिलने के बाद बंगलादेश को मान्यता प्रदान की। उसी समय से बंगलादेश भारत का एक दोस्त, एक बाज़ार तथा एक संरक्षक के रूप में देखता है। बंगलादेश के साथ वार्ता के विभिन्न स्तरों पर हमारे  ‘बहुआयामी-संबंध’ विकसित हो रहे हैं। भारत , बंगलादेशी छात्रों को हर साल छात्रवृति देने के अलावा 5 लाख छात्रों को भारत में पढ़ाई करने के लिए बीजा भी प्रदान करता है।

दोनों देशों के बीच सांझी नदियों के जल बंटवारे पर किए गए समझौतों की एक पूरी एक श्रंखला है तथा दोनों ही देशों के बीच 54 सांझी नदियां बहती है। इन दोनों देशों ने सन् 1996 में गंगा के जल के बंटवारे को लेकर एक समझौता किया था। आर्थिक मोर्चे पर दक्षिण एशिया में भी, बंगलादेश भारत का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। सन् 2009-10 और 2015-16 के मध्य इन देशों के बीच का व्यापार घाटा 164.4% भारत के पक्ष में आंका गया। भारत द्वारा बंगलादेश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 3.11 बिलियन अमरीकी डॉलर था। सन् 2018-19 के अप्रैल से मार्च के बीच दोनों देशों में 9.21 अमरीकी डॉलर का निर्यात हुआ जबकि इसी अवधि के दौरान बंगलादेश से भारत में 11.22 बिलियन अमरीकी डॉलर का आयात हुआ। अपने अन्य पड़ोसी देशों की तुलना में , भारत बंगलादेश से सबसे लम्बी जमीनी सीमाएं सांझी करता है जो 4096.7 कि० मी० लम्बी हैं। दोनों देशों के बीच विभिन्न नौसेना और थलसेना के सांझे ‘सैनिक – युद्धाभ्यास’ भी होते रहते हैं। वर्तमान में बंगलादेश , भारत से 1160 मेगावाट बिजली आयात करता है। दोनों देशों में अपनी सीमाओं को और मजबूत करने के लिए 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए तथा 3 परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

इस क्षेत्र में दोनों देशों के मध्य संबंध दिनोंदिन मजबूत होते जा रहे हैं और बंगलादेश हमारा एकमात्र विश्वसनीय सहयोगी है। जरूरत के समय आर्थिक एवं अन्य सहायता के लिए बाढ़ों और प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने के लिए भारत हमेशा बंगलादेश के साथ खड़ा रहा है। ‘कोलकाता-खुलना’ व ‘ढाका-कोलकाता’ के बीच रेल सेवाएं बहुत बढ़िया ढंग से चल रही है जबकि ‘अगरतला-अखौरा’ मार्ग पर तीसरी परियोजना प्रगति पर है। आज भारत को स्वास्थ्य पर्यटन (Health Tourism) से होने वाली आय का लगभग 50% बंगलादेश से प्राप्त होता है। पिछले कुछ वर्षो जैसे 2010 , 2017 और 2019 में बंगलादेश की राष्ट्रपति शेख हसीना की कई उच्चस्तरीय भारत यात्राएं संपन्न हुई जिनके प्रत्युत्तर में उनके भारतीय समकक्षों जैसे – प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह (2011) , नरेन्द्र मोदी (सन् 2015) ने भी यात्राएं की। इसके अतिरिक्त , सन् 2020 में इन्होंने ‘वर्चुअल यात्राएं भी की।

इन दोनों देशों ने हमेशा ही अपनी सीमाओं को मजबूत व इसे कायम रखने के लिए अथक प्रयास किए हैं और अपनी इस दोस्ती को किसी मुद्दे के कारण प्रभावित नहीं होने दिया। इनमें चाहे जितनी भी बाधाएं आई , ये संबंध हमेशा दृढ़ , मज़बूत व शक्तिशाली बने रहे और आने वाले  समय में ये और विकसित होंगे।