ईद से पहले पाकिस्तान के लिए दुखद भरी खबर, भारत के अठन्नी के बराबर पाकिस्तानी रूपया

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पाकिस्तानी रूपया भारत के अठन्नी के बराबर हो गया है | ईद के त्योहार के कुछ दिनों पहले ही पड़ोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक चिंताएं काफी बढ़ गई हैं | साल 2008 के बाद से पाकिस्‍तान की मुद्रा में इतने बड़े स्‍तर पर गिरावट देखी गई थी। मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया की कीमत 122 रुपये हो गई है। भारतीय रुपया अभी 67 रुपये का है। पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने लगातार तीसरी बार रुपये की कीमत में कटौती की है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा दिसंबर से लेकर के अब तक 14 फीसदी घटा दी है।

 

119 रुपये पहुंची कीमत :-
एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 119.85 रुपये का हो गया है। चर्चा है कि इस स्थिति से उबरने के लिए वह आईएमएफ से कर्ज लेगा। इससे पहले उसने 2013 में आईएमएफ से कर्ज लिया था। विशेषज्ञों का कहना है कि आईएमएफ करेंसी की वैल्यू घटाने के लिए कह सकता है। इसलिए पाकिस्तान यह दिखाना चाहता है कि वह पहले से इसकी तैयारी कर रहा है।

 

125 रुपये के पार जा सकता है पाकिस्तानी रुपया :-
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का आकलन है कि साल के अंत तक पाकिस्तानी करेंसी की वैल्यू 125 रुपये तक गिर सकती है। हालांकि कुछ ट्रेडर्स का कहना है कि एसबीपी ने कीमत नहीं घटाई। डॉलर की मांग बहुत ज्यादा बढ़ने से पाकिस्तानी करेंसी कमजोर हुई है। एसबीपी ने हस्तक्षेप नहीं किया और इसे गिरने दिया।

 

पाकिस्तान ने चीन से मांगी मदद :-
रुपये को लगातार गिरने से रोकने के लिए पाकिस्तान ने अपने पुराने दोस्त चीन से मदद मांगी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर उसने मदद नहीं की तो फिर पाकिस्तान की इकोनॉमी पर आगे चलकर काफी संकट में आ सकती है। पाकिस्तान अपना आयात को घटाने पर जोर देना चाहता है और निर्यात को बढ़ावा देना चाहता है।

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कार्यवाहक वित्त मंत्री शमशाद अख्तर ने कहा, ‘हमें 25 अरब डालर के अपने व्यापार घाटे के अंतर को हमारे भंडार के जरिए पाटना होगाऔर कोई विकल्प नहीं है,’ उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समक्ष यह प्रमुख चिंता है. देश के केंद्रीय बैंक ने रुपये में 3.7% का अवमूल्यन किया है | बता दें कि हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब 10.3 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार है, जो पिछले साल मई में 16.4 अरब डॉलर था |

 

रॉयटर्स एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान का चीन और इसके बैंकों से इस वित्तीय वर्ष में लिया गया कर्ज करीब 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के कगार पर है |पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान भुगतान संकट के चलते चीन से 1-2 बिलियन डॉलर (68- 135 अरब रुपए) का नया लोन लेने जा रहा है |

 

यह इस बात का एक और संकेत है कि पाकिस्तान बीजिंग पर आर्थिक तौर पर किस कदर निर्भर हो चुका है. विदेशी मुद्रा भंडार की खस्ता हालत- चीन से लिए गए इस नए लोन का इस्तेमाल पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार की हालत ठीक करने में करेगा |