गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 331वां युगऋषि सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना

रीडर टाइम्स डेस्क लखनऊ

500 छात्र-छात्रायें एवं संकाय सदस्य ऋषि साहित्य से लाभान्वित होगें।

सद्ज्ञान व्यक्ति को नर से नारायण बना सकता है उमानंद शर्मा

गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंस साइंस, के.जी.एम.यू. लखनऊ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं0 श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का वांड़मय साहित्य की स्थापित किया गया। उपरोक्त यह वाङ्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर के सक्रिय कार्यकर्ता श्रीमती मधु अग्रवाल ने अपने पति स्व. दिनेश अग्रवाल तथा अपने सास-ससुर स्व. श्रीमती वीर कुमारी अग्रवाल, स्व. प्रेम चन्द्र अग्रवाल की स्मृति में संस्थान के पुस्तकालय को भेंट किया।
श्री उदयभान सिंह ने अपने पूज्य पिता स्व. श्री बैजनाथ सिंह जी की स्मृति में सभी छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों को ‘‘युग निर्माण योजना’’ पत्रिका भेंट की।इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा वाङ्मय साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सद्ज्ञान व्यक्ति को नर से नारायण बना सकता है, महापुरुष की वाणी उनके लिखे गये साहित्य में सद्ज्ञान की प्राप्ति होती है| यह भी साहित्य युग ऋषि द्वारा रचित सम्पूर्ण वाङ्मय है।

इस अवसर पर डॉ.नरेन्द्र देव छात्र-छात्राओं को निरोगी जीवन के ऋषि सूत्र दिये एवं श्री पी.डी. सारस्वत ने ऋषि संदेश दिया। इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा, डॉ. नरेन्द्र देव, अनिल भटनागर, संस्थान के डॉ. अभिजीत कौर (डीन) तथा संस्थान की प्रधानाचार्या श्रीमती रशमी जॉन और श्री उदयभान सिंह के साथ सहित संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।