प्रदेश आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ तैयार है: वेद व्रत सिंह

मार्कण्डेय शुक्ला
रीडर टाइम्स न्यूज़
:- मुख्यमंत्री जी और स्वास्थ्य मंत्री के मार्गदर्शन से स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुईं।
:- सीएचसी आधुनिक उपकरणों से लैस, अब इलाज होगा रेफर नहीं।
:- कोरोना की तीसरी लहर के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार।

👉 कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है ? बचाव के लिए क्या प्लान है ?

कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है . डॉ० वी० के० पॉल के अनुसार आने वाले 100 दिन हमें बहुत एहतियात बरतना है. त्योहारों का मौसम आ चुका है, जिसके चलते जनता एक राज्य से दूसरे राज्य आ जा रही है , महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से जनता आ रही है और वहां कोरोना अभी भी है , इसलिए जनता से यही अपील है कि कोरोना गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करें, भीड़ वाली जगहों से बचें ,ज़रा सी लापरवाही भारी पढ़ सकती है.

👉 आने वाले सालों में कोरोना की लहरें ऐसे ही क्या आ सकती है ?

ये बीमारी बिलकुल नयी है , अभी भी बहुत अध्ययन किया जाना बाकी है , मुख्यमंत्री जी और स्वास्थमंत्री जी के मार्गदर्शन में कोरोना रोकथाम के लिए सफल कदम उठाये गए हैं . प्रदेश में कोरोना संक्रमण दर 0.01 प्रतिशत है तो देश में सबसे कम है ।

👉 PHC मॉडल को आप कितना सफल मानते हैं ?

कोरोना से हमने बहुत सीखा है , मौजूदा स्वास्थ व्यवस्था को और सुदृण बनाने के लिए हम अग्रसर हैं । हर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर ऑक्सीजन कंसनट्रेटर दिए जा चुके हैं , साथ में लिक्विड ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है , सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर इन सुविधाओं के अतिरिक्त ऑक्सीजन जनरेटर लगाये जा रहे हैं , कई जगह लग भी चुके हैं । हर जनपद में 4 सीएचसी में 2 आईसीयू बेड हैं । सभी आधुनिक उपकरणों से लैस हैं और उन्हें चलाने के लिए स्टाफ को प्रशिक्षित कर दिया गया है ताकि वो किसी भी तरह की स्थिति से निपट सकें।

👉 क्या पीएचसी और सीएचसी में बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है?

जरूरत के अनुसार 4 बेड वाले पीएचसी को 10 बेड क्षमता और 30 बेड वाले सीएचसी को 50 बेड क्षमता का किया जा रहा है।

👉पीएचसी पर एमबीबीएस डॉक्टर्स का रुकना एक चुनौती है, वह अपना बेहतर भविष्य प्राइवेट अस्पताल में देखता है, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

एमबीबीएस डॉक्टर्स के लिए सीधे level-2 में जॉइनिंग का प्रावधान कर दिया गया है जिससे वह प्रमोशन स्केल में सीधे दूसरे पायदान पर ज्वाइन कर सकेंगें, दूसरी ओर एमबीबीएस डॉक्टर्स को प्राप्त रैंक के अनुसार अपनी नियुक्ति का स्थान चुनने की सुविधा दी जा रही है। इसके लिए काउंसलिंग होने वाली है। यहां तक डॉक्टर गृह जनपद में भी तैनाती ले सकता है।

👉 आगे अपने कार्यकाल में आपका दृष्टिकोण क्या है? आप क्या अलग करना चाहते हैं?

पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल स्तर पर सभी सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण हो, डॉक्टर्स अपनी नियुक्ति स्थान पर रुके और लंबे कार्यकाल तक सुविधाएं जनता को प्रदान करें। आधुनिक ट्रीटमेंट के लिए सभी लेटेस्ट उपकरण दिए जा चुके हैं। यहां तक सीएचसी पर मॉनिटर्स,डिजिटल एक्सरे मशीन, बाई पैप भी उपलब्ध है। मेरी सोच सिर्फ यही है कि यदि कोई गांव का मरीज अस्पताल आता है तो उसका बेहतर इलाज वहीं हो सके, ना कि पहले की व्यवस्था की तरह छोटी सी बीमारी पर अन्य संस्थान को रेफर करने का काम किया जाए।