बच्चों को तीसरी लहर से बचाने के लिए ; कानपुर में सारे दावे हुए , हवा-हवाई…

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर ग्रामीण अंचलों में बच्चों के इलाज के लिए आधी-अधूरी तैयारी है। प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10-10 बेड बच्चों के लिए तैयार किए जाने हैं। अधिकारी पूरी तैयारी का दावा कर रहे हैं, लेकिन वार्डों में न पाइप लाइन पूरी तरह से तैयार हो सकी है और न ही आक्सीजन प्लांट तैयार हैं।

आक्सीजन सिलिंडर व कंसंन्ट्रेटर के भरोसे रहेंगे बच्चे…
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरसौल में कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। कोविड हास्पिटल में बच्चों के लिए दस बेड का वार्ड भी तैयार किया गया है। सभी जरूरी उपकरण एवं सामान भी मंगा लिए गए हैं। कोरोना के मरीजों के लिए सबसे जरूरी आक्सीजन है। हर जगह आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए गए हैं, लेकिन सरसौल सीएचसी को दरकिनार कर दिया गया है। यहां के कोविड वार्डों में आक्सीजन पाइप लाइन तक नहीं लगाई गई है। ऐसे में यहां भर्ती होने वाले बच्चों की निर्भरता आक्सीजन के लिए सिलिंडर और आक्सीजन कंसंट्रेटर पर ही रहेगी।

सीएचसी सरसौल में फिलहाल न तो आक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी है। न ही बेड तक आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए पाइप लाइन ही लगाई गई है।

बिल्हौर सीएचसी में कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है। यहां के वार्ड में आक्सीजन सप्लाई के लिए पाइप लाइन की फिटिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यहां कोरोना मरीजों के लिए 50 बेड हैं, उनमें से 10 बेड बच्चों के लिए हैं। इनमें से दो बेड पीआइसीयू के लिए हैं, हालांकि अभी इसके लिए उपकरण आने हैं। सीएचसी अधीक्षक डा. अरविंद भूषण ने बताया कि संभावित खतरे को देखते हुए तैयारी चल रही है। एक-दो दिन में आक्सीजन प्लांट स्थापित हो जाएगा। फिर ट्रायल होगा।

घाटमपुर सीएचसी में कोरोना से निपटने की तैयारी चल रही है। कोविड अस्पताल में अभी तक आक्सीजन पाइप लाइन नहीं लग सकी है। कोविड के इलाज के लिए बच्चों के 12 बेड हैं। एक वेंटिलेटर भी मिलने की संभावना है। डाक्टर एवं नर्सों की ट्रेनिंग हो चुकी है। डॉ ने बताया कि कोविड हास्पिटल में 12 बेड बच्चों के लिए होंगे। कोविड वार्ड में आक्सीजन पाइप लाइन लगनी है। पहले प्लांट का कार्य पूरा कराया जाना है। ताकि पाइप लाइन से आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।