मुंबई :-जेट एयरवेज में बड़ा हादसा होने से बचा, यात्रियों के नाक और कान से निकले खून

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मुंबई :- मुंबई से जयपुर जाने वाली जेट एयरवेज़ की फ्लाइट में एक बड़ा हादसा होने से बच गया, जब गुरुवार सुबह मुंबई से जयपुर जा रही फ्लाइट में कुछ यात्रियों के नाक और कान से खून निकलने लगा। असल में क्रू मेंबर केबिन प्रेशर मेंटेन करने वाले स्विच को दबाना ही भूल गए थे, जिसके चलते विमान के ऊंचाई पर पहुंचने से लोग हवा की कमी महसूस करने लगे। देखते ही देखते कुछ लोगों के नाक और कान से ब्लीडिंग होने लगी, जबकि तमाम लोग ऐसे थे, जिन्हें सिर दर्द होने लगा।

 

 

जेट एयरवेज़ की मुंबई-जयपुर उड़ान (को टेकऑफ के बाद मुंबई वापस उतारना पड़ा, क्योंकि टेकऑफ के दौरान क्रू केबिन प्रेशर को बरकरार रखने का स्विच दबाना भूल गया था | जिसकी वजह से 166 में से 30 यात्रियों की नाक और कान से खून बहने लगा, और कुछ को सिरदर्द की शिकायत हुई. इन यात्रियों का मुंबई एयरपोर्ट पर ही उपचार किया जा रहा है|

 

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जेट एयरवेज के प्रवक्ता ने घटना पर सफाई देते हुए कहा, ‘मुंबई से जयपुर जा रहे हमारे विमान को आज इसलिए वापस बुलाना पड़ा, क्योंकि केबिन प्रेशर कम हो गया था। 166 यात्रियों और 5 क्रू मेंबर्स समेत विमान को मुंबई में सामान्य ढंग से उतारा लिया गया है। सभी यात्री सुरक्षित हैं। विमान में जिन यात्रियों ने नाक और कान से ब्लीडिंग की शिकायत की थी, उन्हें फर्स्ट एड मुहैया कराया गया है। अब स्थिति सामान्‍य है।’

 

 

उन्‍होंने बताया कि जिस क्रू मेंबर की गलती से यह हादसा हुआ, उसे तत्‍काल प्रभाव से ड्यूटी से हटा दिया गया है। साथ ही मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही यात्रियों के लिए वैकल्पिक फ्लाइट का प्रबंध किया जा रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से भी इस मामले पर बयान जारी किया गया है | मंत्रालय ने इस मामले पर DGCA से रिपोर्ट मांगी गई है |

 

 

हालांकि, अब जेट एयरवेज़ की उस उड़ान के क्रू को ड्यूटी से हटा दिया गया है, जिसमें केबिन प्रेशर बरकरार न रख पाने की वजह से यात्रियों के कान-नाक से खून बहने लगा था, और उसे टेकऑफ के बाद वापस मुंबई उतारना पड़ा था | नागरिक उड्डयन के महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने तफ्तीश शुरू कर दी है |

 

 

फ्लाइट में कितना होना चाहिए हवा का दबाव?
फ्लाइट के ऊंचाई पर पहुंचने के साथ-साथ हवा का दबाव घटने लगता है। आपने अक्सर फ्लाइट की उड़ान से पहले सेफ्टी अनाउंसमेंट में इसका जिक्र सुना होगा। उस दौरान आपको बताया जाता है कि हवा का दबाव कम होने पर सीट के ऊपर ऑक्सिजन मास्क आ जाएंगे। गुरुवार को जेय एयरवेज की फ्लाइट में यही हुआ।

 

 

दरअसल मनुष्य 8000 फीट तक की ऊंचाई पर केबिन प्रेशर 12 psi के करीब होता है। फ्लाइट में मौजूद लोगों के लिए इतना केबिन प्रेशर ठीक से सांस लेने को पर्याप्त होता है। हालांकि कमर्शल फ्लाइट अक्सर 40000 फीट से ऊपर भी उड़ान भरते हैं। इस लिहाज से मैनुअली केबिन प्रेशर मेंटेन किया जाता है। इसे इलेक्ट्रिक कंप्रेशर, टर्बोकंप्रेशर और इंजन ब्लीड एयर आदि की मदद से मेंटेन किया जाता है।