नई दिल्ली :- देश में यौन उत्पीड़न के खिलाफ चल रही सोशल मीडिया कैंपेन #MeToo के तहत विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने आरोप लगाए हैं, महिलाओं का कहना है कि पत्रकार रहते हुए एमजे अकबर ने उनका उत्पीड़न किया है | हालांकि लंबे इंतजार के बाद इन आरोपों पर अकबर ने सफाई दी है और सभी आरोपों का बेबुनियाद और झूठा बताया है |
पूर्व में कई मीडिया घरानों में संपादक रह चुके विदेश राज्य मंत्री ने न सिर्फ महिला पत्रकारों के आरोपों को खारिज किया बल्कि आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी तक दी है | विदेश दौरे से लौटते ही अकबर ने बयान जारी कर कहा कि इन आरोपों से मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है |
एमजे अकबर ने 20 साल बाद आरोप लगाने पर भी सवाल उठाए हैं | उन्होंने कहा कि कई महिलाओं ने तो 20 साल पुरानी बातों का जिक्र किया है वो महिलाएं अब तक क्यों चुप थीं | जिस वक्त उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं उसके बाद भी मैंने कई महिलाओं के साथ काम किया है, तब भी किसी ने क्यों कुछ नहीं बोला, किसी ने अबतक शिकायत क्यों नहीं कराई, उसकी एक ही वजह है कि मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है |
एमजे अकबर पर करीब 15 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं, इन आरोपों को राजनीतिक करार देते हुए अकबर ने कहा कि अगले साल होने वाले चुनावों की वजह से उन पर इस तरह के आरोप लगाया जा रहे हैं | इस तरह के आरोप सामने आते ही विपक्षी पार्टियां लगातार अकबर के इस्तीफे की मांग कर रही हैं |
अकबर ने रविवार को अपनी सफाई देते हुए कहा, ‘मुझपर लगे आरोप गलत, मनगढ़ंत और आधारहीन हैं, इससे मेरी इमेज को बहुत नुकसान पहुंचा है, आम चुनावों से कुछ महीने पहले ही ये तूफान क्यों उठा है? क्या यह कोई एजेंडा है?आप जज हैं, ये झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं, ताकि मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जा सके.’ उन्होंने कहा, ‘झूठ के पांव नहीं होते, लेकिन इसमें जहर होता है, जिससे उन्माद फैलाया जा सकता है, ये आरोप परेशान करने वाले हैं |’
एमजे अकबर के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने सवाल किया, ‘अकबर कौन से जनाधार वाले नेता हैं और एक राजनेता के तौर पर उनकी छवि कुछ भी नहीं है,’ कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा, ‘अकबर पर लगे आरोपों के पीछे कोई भी राजनीतिक साजिश नहीं है और अगर बीजेपी इन्हीं कैबिनेट से बाहर नहीं करती है तो उसे महंगा पड़ेगा |’