रीडर टाइम्स डेस्क
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा की पहली संस्था है, कायाकल्पकेन्द्रम् .
कायाकल्पकेन्द्रम् में योग साधना के लिए गम्भीर साधक ही प्रवेश ले सकते हैं।

हरदोई 21 मई / ग्यारहवां ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ इक्कीस जून को ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम पर मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग डेढ़ माह पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इसकी घोषणा कर दी थी। शहीद उद्यान स्थित कायाकल्पकेन्द्रम् में बुधवार को योग साधकों को सम्बोधित करते हुए सीनियर नेचरोपैथ डॉ. राजेश मिश्र ने कहा कि 2015 में 21 जून को पहला योग दिवस मनाया गया था। इस प्रकार यह ग्यारहवां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस है। जो एक महीने बाद 21 जून को ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम पर मनाया जाएगा।
डॉक्टर मिश्र ने कहा कि कायाकल्पकेन्द्रम् जिले की पहली संस्था है, जो १९९२ से योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि कायाकल्पकेन्द्रम् में योग साधना के लिए गम्भीर साधक ही प्रवेश ले सकते हैं। उन्होंने कहा इक्कीस जून को विश्व योग दिवस पर होने वाले कार्यक्रम में कोई भी व्यक्ति सम्मिलित हो सकेगा। श्री मिश्र भारत सरकार टकसाल नोएडा के अधिकारियों व कर्मचारियों को योग साधना करा चुके हैं। आगे कहा कि योग साधना और योगिक व्यायाम में अंतर है। योग: समाधि: अर्थात योग से आषय समाधि से है। योग उच्चस्तरीय साधना है। जो आठ पड़ाव (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि) से गुजरती है। वर्तमान में यम-नियम रहित योग ‘योगा’ बन गया है। योगासनों से शरीर पुष्ट होता है और साधक की एक आसन में देर तक बैठने की क्षमता बढ़ती है। कहा जो बिना हिले-डुले देर तक किसी ध्यानासन में बैठेगा, वही शिखर पर पहुंच सकेगा।
डॉक्टर मिश्र ने कहा कि हम भारतीय ऋषियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं, जिनके प्रयासों के कारण आज विश्वभर में योग दर्शन को पहचान मिली। बताया महर्षि पतंजलि योग दर्शन के रचयिता हैं, उन्होंने योगदर्शन लिखा, जिसमें १९५ सूत्र हैं और यह दर्शन चार पादों (समाधिपाद, साधनपाद, विभूतिपाद एवं कैवल्यपाद) में विभक्त है। डॉ अभिषेक पाण्डेय, शिवकुमार, श्रीओम पाण्डेय, गोविन्द गुप्ता, पुनीत गुप्ता, अनामिका उपस्थित रहे।