तय समय से 8 दिन पहले केरल पहुंचा मानसून

रीडर टाइम्स डेस्क
दक्षिण – पश्चिम मानसून आज यानी 24 में को केरल में दस्तक दे चुका है इसकी सामान्य तिथि 1 जून है आईएमडी के मुताबिक ऐसे में दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से 8 दिन पहले केरल में दस्तक दे चुका है …

मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है। यह भारत के मुख्य भूमि पर पिछले 16 वर्षों में मानसून का सबसे पहले आगमन इस बार अपने तय वक्त से 8 दिन पहले ही मानसून ने केरल में दस्तक दे दि। भारत के मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दिए पिछले बार राज्य में मानसून इतनी जल्दी 2009 और 2001 में आया था। जब यह 23 मई को राज्य में पहुंचा था केरल में मानसून के आगमन की सामान्य स्थिति 1 जून है हालांकि 1918 में राज्य में 11 में को ही मानसून ने दस्तक दे दी थी। जो आज तक केरल में सबसे जल्दी मानसून आगमन का इकलौता मामला है।

देरी से मानसून के आने का रिकॉर्ड 1972 में था। जब मानसूनी बारिश 18 जून से शुरू हुई थी। पिछले 25 वर्षों में सबसे देरी से मानसून का आगमन 2016 में हुआ था। जब मानसून 9 जून को केरल में प्रवेश किया था।

दक्षिणी राज्यों में भारत मौसम विभाग ने शनिवार को केरल तटीय ,दक्षिण ,आंतरिक, कर्नाटक ,कोकड़ा और गोवा में अलग-अलग स्थान पर भारी से भारी वर्षा की संभावना जताई। मौसम विभाग ने 29 मई तक केरल और तटीय कर्नाटक में भारी से अधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान 40 -50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवा चलेगी। तमिलनाडु तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी अगले 5 दिनों में चित्रकूट बारिश और गरज के साथ चिट – पिट सकते हैं।

दिल्ली एनसीआर में गरज के साथ बौछारे पड़ने का अनुमान –
बुधवार देर रात भारी बारिश और आंधी के बाद मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि दिल्ली के आसमान आशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। शनिवार को भी आंधी के साथ बारिश की संभावना जताई। आईएमडी ने एक बयान में कहा दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र में 25 और 26 मई को गरज के साथ आशिंक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है। 27 मई को बारिश या गरज के साथ बौछारों का अनुमान है । इससे पहले 21 मई की शाम को दिल्ली नोएडा ,गुरुग्राम और गाजियाबाद में भयंकर तूफान आया था। 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में हवाएं चली और बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई थी।

मानसून का पूरे देश में एक समान प्रसार होना आवश्यक –
सफल खरीफ सीजन सुनिश्चित करने के लिए मानसून का पूरे देश में एक समान प्रसार और बारिश का होना आवश्यक है। आसमान वर्ष या लंबे समय तक सूखा पड़ने से मानसून जल्दी शुरू होने के लाभ समाप्त हो सकते हैं। यदि मानसून अपनी गति बनाए रखना है और जुलाई के मध्य तक मध्य और उत्तरी भारत में समान रूप से फैल जाता है जो की एक समान प्रक्रिया तो देश का कृषि उत्पादन बढ़ेगा। जिससे महंगाई और नियंत्रण करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।