अलवर में गो तस्करी के शक में एक शख्स को भीड़ ने पीट-पीटकर की हत्या

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जहाँ शुक्रवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए सभी राज्य सरकारों को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने की बात कही थी, जिसके कुछ घंटों बाद ही राजस्थान के अलवर में एक बार फिर ऐसी ही घटना सामने आई है| यहां के रामगढ़ थाना क्षेत्र में एक शख्स की गो-तस्करी के शक में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई|

यह घटना रामगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लालवंडी गाव की है। मृतक शख्स का नाम अकबर खान है जो हरियाणा के कोलगांव का रहने वाला है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है। मृतक दो गाय लेकर जा रहा था तभी उसपर हमला किया गया। गायों को गौशाला भिजवा दिया गया है। इस मामले पर पुलिस का कहना है, यह अभी साफ नहीं है कि वह गो तस्कर थे या नहीं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हम आरोपियों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।

आपको बताते चले कि यह अलवर जिले का यह वही इलाका है, जहां एक साल पहले अप्रैल 2017 में 55 साल के पहलू खान की गोरक्षकों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी| जिस वक्त उनपर हमला किया गया था उस वक्त वह राजस्थान में गाय खरीदने के बाद हरियाणा जा रहे थे| डेयरी बिजनेस करने वाले पहलू खान की हमले के 2 दिन बाद मौत हो गई थी|

आपको बता दे कि अभी पहलू खान की हत्या पर अब तक देश में गुस्से का माहौल है और विपक्षी दलों समेत तमाम सामाजिक संगठन बीजेपी सरकार को गाय के नाम पर अंजाम दी गई उस घटना के आधार पर घेरते रहे हैं| बात यही खत्म नहीं होती , इस मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘भारत में गाय को अनुच्छेद 21 के तहत जीने का अधिकार है और एक मुस्लिम को उसके लिए मारा जा सकता है| क्योंकि उनके पास जीने का अधिकार नहीं है। चार साल का मोदी राज लिंच राज है।’

गो तस्करी के शक में हुई हत्या पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा, ‘अलवर जिले में परिवहन के जरिए गौवंश को ले जा रहे शख्स की पीट-पीटकर हत्या करने की घटना निंदाजनक है। अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’ पिछले कुछ दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं बार-बार सार्वजनिक मंचों से गोरक्षा के नाम पर ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों लोगों की आलोचना कर चुके हैं| बावजूद इसके देश के अलग-अलग इलाकों से इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं|

इसपर चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि कोई कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता है। देश को भीड़तंत्र बनने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने संसद को इस मामले पर सख्त कानून बनाने के लिए भी कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकारों को सख्त आदेश दिया है कि वह संविधान के अनुसार काम करें। राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वह मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए चार हफ्ते के अंदर दिशा-निर्देश जारी करे।