कंपनियों का कहना है IIT छात्रों को बोलने, कपड़े पहनने का सलीका नहीं

कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) समेत बड़े शिक्षण संस्थानों से छात्रों की कमियों पर शिकायत की थी। कंपनियों का कहना है कि आईआईटी जैसे बड़े संस्थान से बीटेक डिग्री व नॉलेज के कारण छात्रों को लाखों और करोड़ों रुपये का ऑफर मिल जाता है।

लेकिन उनमें अनुशासन, भारतीय संस्कृति, बात करने का तरीका, भाषा, कपड़े पहनने का सलीका से लेकर पार्टी व बिजनेस मीटिंग के नियमों की जानकारी का अभाव होता है।कंपनियों की मांग थी कि दुनिया भर के देशों की विभिन्न संस्कृति, धर्म, भाषा, खानपान व पृष्ठभूमि वाले कर्मियों के बीच काम करने के लिए उनकी इन कमियों को दूर करना जरूरी है।

इस बात को ध्यान में रखते हुए अब देश के दिग्गज प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों की ग्रूमिंग पर भी ध्यान देंगे। ताकि प्लेसमेंट सेशन में अब कोई भी मल्टीनेशनल कंपनी आईआईटी ग्रेजुएट को अनुशासन, बात करने का तरीका, भाषा आदि पर रिजेक्ट नहीं कर सके।

इसके लिए बीटेक तीसरे वर्ष से ही छात्रों की ग्रूमिंग शुरू हो जाएगी। प्लेसमेंट ही नहीं, इंटर्नशिप के पहले भी उन्हें पर्सनालिटी ग्रूमिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी।

इसमें विशेषज्ञ छात्रों को भारतीय संस्कृति, भाषा, कपड़े पहनने से लेकर पार्टी व बिजनेस मीटिंग के नियमों से रूबरू करवाएंगे। यह आईआईटी की नई प्लेसमेंट पॉलिसी का एक अहम हिस्सा है।

वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह जिम्मेदारी संस्थान के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट यूनिट की रहेगी। फिलहाल अभी तक आईआईटी केवल सीवी तैयार करने में मदद करता है। जबकि सीनियर्स अन्य छात्रों को थोड़ी-बहुत प्लेसमेंट से जुड़ी जानकारियां देते हैं।