केजरीवाल के “ड्रीम प्रोजेक्ट मोहल्ला क्लीनिक”, का लाभ जनता की जगह उठा रहे है वहाँ के गधे-घोड़े

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नई दिल्ली :- दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मोहल्ला क्लीनिक का हश्र अगर आप भी अपनी आँखों से देखना चाहते है तो मंत्री गोपाल राय के विधानसभा क्षेत्र कर्दमपुरी चले आइए। जहाँ एक साल पहले क्लीनिक बनकर तैयार हो गया, लेकिन आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया। नतीजतन जहां इंसान का इलाज होना चाहिए था, वहां आज घोड़े व गधे आराम फरमा रहे हैं।

अगर सूत्रों की माने तो रात के समय आस पास के इलाकों से भी गधों को लाकर क्लीनिक में ऐसे बांध दिया जाता है जैसे वह क्लिनिक इंसानो के लिए नहीं जानवरो के लिए ही बनाया गया हो और क्लीनिक के अंदर ही उनका चारा व अन्य साज-ओ-सामान भी रखा जाता है। इस समय क्लीनिक के बगल में ही नगर निगम का काम चल रहा है। इसलिए वहां हमें कुछ मजदूर भी दिखे। और जब उनसे बातचीत की गयी तो उन्होंने बताया कि जिन लोगों के पास घोड़े-गधों को बांधने के लिए जगह नहीं है, ज्यादातर लोग यही लेकर इन जानवरो को बांध जाते है|

कुछ दिन पहले ही लगी थी क्लिनिक में आग

क्लिनिक के पास रह रहे लोगो ने बताया कि उद्घाटन के कोई आसार नहीं दिखने पर माफियाओ की इस क्लिनिक पर काफी दिनों से नजर है| इतना ही नहीं करीब 25 दिन पहले मोहल्ला क्लीनिक में संदिग्ध हालात में आग भी लग गई थी, जिससे पोर्टा केबिन का काफी हिस्सा जल गया। जब मंत्री के क्षेत्र में मोहल्ला क्लीनिक की यह दशा है तो बाकी क्षेत्रों में क्या उम्मीद लगाई जा सकती है| नूर-ए-इलाही, जनता कॉलोनी वार्ड में बने मोहल्ला क्लीनिक की सुरक्षा अब तो बस हालत देख कर यही कहा जा सकता है की इसका क्लिनिक का भगवन ही मालिक है|

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कहीं-कहीं तो मोहल्ला क्लीनिक अब गोदामों में तब्दील हो चुका है। ऐसे में कोई भी मोहल्ला क्लीनिक की असली हालत का अंदाजा लगा सकता है। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी अपने कार्यो में मोहल्ला क्लिनिक के गुणगानो का बक्खान करते नहीं थकती| वही दूसरी ओर तीन साल से अधिक समय गुजरने के बाद भी पुरानी दिल्ली के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में अब तक एक भी मोहल्ला क्लीनिक बनकर तैयार नहीं हुआ है। और इसकी जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत मिली है।

दिल्ली निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता यूसुफ नकी के मुताबिक उन्होंने जनवरी में बल्लीमारान, मटिया महल और सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र में कहां और कितने मोहल्ला क्लीनिक बने हैं, और इसकी जानकारी मांगी थी। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के मध्य जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय की तरफ से आरटीआइ के जवाब में बताया गया कि मटिया महल और बल्लीमारान क्षेत्र में अभी तक एक भी मोहल्ला क्लीनिक नहीं बना है।

और जब सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र के शास्त्री नगर इलाके में पोर्टा केबिन में बने मोहल्ला क्लीनिक के सुचारु रूप से चलने के बारे जानकारी मांगी गयी तो कोई जानकारी नहीं दी गई है। बस खली यह कह कर बात को टाल दिया गया कि मोहल्ला क्लीनिक बना दिया गया है। दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन के अपने बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र में मोहल्ला क्लीनिक न होना यहां के लोगों के साथ अन्याय नहीं है| तो क्या है|

आपको बताते चले की दो साल पहले ही अमेरिका ने भी केजरीवाल के मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ की थी। इतना ही नहीं वहां के लोगों को आसान स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केजरीवाल सरकार की मोहल्ला क्लीनिक से सबक लेने के सुझाव भी दिए जा रहे थे। दो साल पहले अमेरिकी मीडिया हाउस द वाशिंगटन पोस्ट ने एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की शुरू की गई मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ की गई थी। जिसमे अमेरिका को सलाह दी गई थी कि वह भी अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए मोहल्ला क्लीनिक से सबक लें। जिससे लोगो को आसानी से और सही समय पर अच्छा इलाज मिल सके|