खनन माफिया नीरज मिश्रा कब जाएगा जेल : खनन अधिकारी क्यों नहीं दर्ज करवा रहे मुकदमा

श्याम जी गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़
शाहबाद/ हरदोई/ हरदोई जिले में मिट्टी खनन का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। खेतों के खाली होने पर खनन में काफी तेजी आ जाती है। कुछ लोग मिट्टी का कारोबार करते है। जो खेतों के खाली होने पर मनमाने दाम पर मिट्टी बेचते हैं। मकान बनवा रहे या गड्ढे को भरने के लिए ट्रैक्टर चालकों से मिट्टी खरीदना पड़ रहा है। जिससे मिट्टी का कारोबार करने वाले लोग मोटी कमाई कर रहे है। वह खनन विभाग को प्रतिमाह लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसे देखते हुए खनन विभाग ने खनन पर रोक लगा दिया है। अब बिना खनन विभाग के अनुमति के मिट्टी का खनन नहीं हो सकता है। जिसको अपनी आवश्यकता के अनुसार अपनी भूमि से मिट्टी खनन कराना होगा उन्हें विभाग के आन लाइन पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं कराकर खनन करने वाले ट्रैक्टर ट्राली पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। इसके लागू होने के बाद मिट्टी के खनन पर रोक लगेगी लेकिन इससे इतर खनन माफियाओं ने एक नया रास्ता निकाला है। मिट्टी खनन माफिया खेत मालिक के नाम निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन की परमिशन प्राप्त करते हैं निजी उपयोग के लिए अधिकतम 10ट्रॉली मिट्टी खनन की परमिशन का प्रावधान है लेकिन खनन माफिया सैकड़ों ट्रॉली मिट्टी खनन करते हैं। ताजा मामला शाहबाद तहसील क्षेत्र का है। शाहबाद तहसील क्षेत्र के ग्राम टुर्मुकी निवासी खलील खान पुत्र हनीफ खान ने घर बनाने हेतु खनन विभाग से अपने खेत ग्राम टेडवा चतुरपुर गाटा संख्या 200 में 99 घन मीटर मिट्टी खनन की परमिशन ली। खलील ने बताया कि नीरज मिश्रा निवासी ग्राम परसई थाना मझिला ने हमारी परमिशन करवाई थी।और आज हमारे खेत से मिट्टी निकाली जा रही है। जोकि नीरज मिश्र निकलवा रहे हैं। जो ग्राम बेंधुआ फत्तेपुर गाजी निवासी रामलडैते पुत्र बोदिल के यहां जा रही थी। आपको बताते चलें ये वही खनन माफिया नीरज मिश्र है। जो अक्सर अखबारों की सुर्खियों में छाया रहता है। अवैध मिट्टी खनन कर रॉयल्टी चोरी करके सरकार को नुकसान पहुंचाकर भट्टों को मिट्टी बेचना नीरज मिश्रा का पुराना धंधा है। इस धंधे में खनन विभाग से लेकर तहसील तक के कर्मचारी शामिल हैं। आखिर अब तक खनन माफिया नीरज मिश्रा पर मुकदमा दर्ज करके अब तक जेल क्यों नहीं भेजा जा रहा है। योगी सरकार की मंशा को जनपद के सरकारी कर्मचारी पलीता लगा रहे है।