गाजीपुर : सपा व भाजपा के बीच सीधी लड़ाई


(गाजीपुर ब्यूरो) अभिषेक सोनी
रीडर टाइम्स न्यूज़
भाजपा दोहराएगी इतिहास या गाजीपुर ज्यादा सीटों पर सपा बनेगी बास
जमानियां, जंगीपुर व मुहम्मदाबाद में सपा ने तो सैदपुर में भाजपा से गठबंधित दल निषाद पार्टी ने ने खाेला पत्ता
तुरुक का इक्का साबित होंगे राजभर, अपना दम दिखाएंगे उमाशंकर

गाजीपुर : गाजीपुर की सातो सीटों पर इस बार सपा व भाजपा के बीच सीधी लड़ाई दिख रही है। पिछली बार भाजपा गठबंधन में शामिल सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सपा से हाथ मिलाया है तो माफिया मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने भी सपा के हो लिए हैं। बसपा के वरिष्ठ नेता व कुशवाहा मतदाताओं पर मजबूत पकड़ रखने वाले पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा भी अब बसपा से अलग होकर सपा में शामिल हो गए हैं। सदर सीट से उनकी दावेदारी लगभय तय मानी जा रही है। भाजपा 2017का इतिहास दोहराएगी या सपा गाजीपुर के ज्यादा सीटों पर बास बनेगी। यह सवाल नेता से लेकर मतदाताओं के जेहन में है। चर्चा करते हैं कि सदर विधानसभा से जहां की वर्तमान विधायक डा संगीता बलवंत इस समय उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री हैं। बहुजन समाज पार्टी ने जमानियां के पूर्व विधायक डा राजकुमार सिंह गौतम पर दांव लगाया है तो सपा से पूर्व विधायक उमाशंकर सिंह के आने की संभावना है। कांग्रेस ने इस सीट पर लौटन राम निषाद को प्रत्याशी बनाया हैं।

चूंकि सहकारिता मंत्री की बिंद मतदाताओं में खासा प्रभाव होने के कारण उनका भी इसी सीट से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। मुहम्मदाबाद विधानसभा से वर्तमान में विधायक अलका राय हैं जिनके पति पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप माफिया मुख्तार अंसारी पर है। सपा ने यहां से दो बार विधायक रहे पूर्व विधायक व मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को प्रत्याशी बनाया है। जहूराबाद से सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर स्वयं मैदान में है और वर्तमान इसी सीट से विधायक भी हैं। बसपा ने यहां से बुझारथ राजभर को प्रभारी बनाया है तो भाजपा ने अब तक पत्ता नहीं खोला है।

इस सीट से पूर्व विधायक रहे कालीचरन राजभर ने भी बसपा छोड़कर अब भाजपा का दामन थाम लिया है, चर्चाओं पर ध्यान दें तो भाजपा कालीचरन पर दांव लगा सकती है क्योंकि यहां के राजभर मतदाताओं में उनकी खास पैठ है। जंगीपुर विधानसभा से वर्तमान विधायक डॉ वीरेंद्र यादव को सपा ने पुन: प्रत्याशी बनाया है तो बसपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के जेठ डा मुकेश सिंह पर दांव लगाया है। भाजपा ने अभी पत्ता नहीं खोला है। जमानियां विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह को सपा ने प्रत्याशी बनाया है और भाजपा ने वर्तमान विधायक सुनीता सिंह को टिकट दिया है। जखनियां विधानसभा सीट पर अब तक किसी भी दल ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।
वर्तमान में यहां से सुभासपा के त्रिवेणी राम विधायक हैं जो भाजपा सुभासपा गठबंधन में जीते थे। सैदपुर विधानसभा सीट से भाजपा निषाद पार्टी के गठबंधन में निषाद पार्टी के खाते में आ गई है।

2017 में सपा से लगातार दूसरी बार विधायक बने सुभाष पासी ने स्वयं को निषाद पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने एवं चुनाव चिन्ह कमल का फूल होने का दावा किया है। सुभाष पासी को राजनीतिक का माहिर खिलाड़ी कहा जाता है, उन्होंने 2017 में भाजपा के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर को भाजपा की प्रचंड लहर के बावजूद हरा दिया था। अब तक सपा ने यहां पत्ता नहीं खोला है हालांकि यहां प्रत्याशियों की लिस्ट काफी लंबी है। पूर्व विधायक भाेनूराम सोनकर, पूर्व चेयरमैन शशि सोनकर, ओपी भारती, शिशिर सोनकर आदि समेत दर्जनभर नेताआ नेसपा से टिकट के लिए आवेदन किया है। इस बार ओमप्रकाश राजभर, सिबगतुल्लाह अंसारी व उमाशंकर कुशवाहा के सपा में शामिल होने के चलते सपा के मजबूतीसे चुनाव लड़ने के आसार है।

परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद , महावीर चक्र विजेता रामउग्रह पांडेय समेत किसान नेता स्वामी सहजानंद की धरती गाजीपुर के सातों विधानसभा सीटों पर इस बार सीधा मुकाबला भाजपा व सपा गठबंधन के बीच दिख रहा है। हालांकि बसपा का मजबूत वोटबैंक हर विधानसभा में है। कांग्रेस भी दावा कर रही है लेकिन धरातल पर स्थिति मजबूत दिखाई नहीं पड़ रही है। कुल मिलाकर देखना यह है कि वर्ष 2017 में पांच सीट जीतने वाली भाजपा सुभासपा का साथ छूटने के बाद इतिहास दोहरा पाएगी या ओमप्रकाश व अन्य का साथ मिलने के बाद सपा गाजीपुर जिले में बास बनकर उभरेगी।