दिल्ली में स्कूल की मनमानी, 40 डिग्री टेंपरेचर में भूखे-प्यासे 5 घंटे तक स्कूल के तहखाने में बंधक बनाकर राखी गयी बच्चियां

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक स्कूल में 50 बच्चियों को इसलिए बेसमेंट में बंद कर दिया गया, क्योंकि उनके पैरेंट्स ने फीस जमा नहीं की थी| पैरंट्स इस बात से हैरान हैं कि महज फीस न चुकाने पर तहखाने (बेसमेंट) में बंधक बनाकर 59 बच्चियां 5 घंटे तक कैद रखी गईं। 40 डिग्री तापमान में भूखी-प्यासी बच्चियां दोपहर होने का इंतजार कर रही थीं, ताकि जल्दी से उनके माता-पिता आकर उन्हें ले जाएं।

जब पैरंट्स पहुंचे, तो उन्हें देखते ही बच्चे बुरी तरह रो पड़े। परिजनों का आरोप है कि बेसमेंट में रूम के बाहर की कुंडी लगाई गई थी। वे जब बच्चियों को लेने स्कूल पहुंचे तो स्टाफ भी संतुष्टि भरा जवाब नहीं दे सका। बच्चियों का गर्मियों में भूख-प्यास से बुरा हाल था। अपने बच्चों की हालत देखकर परिजन भी बिखर गए। उन्होंने स्कूल के बाहर जमकर हंगामा किया। पुलिस ने जूवेनाइल जस्टिस ऐक्ट की धारा 75 के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। टीचर्स से पूछने पर पता चला कि फीस नहीं देने की वजह से बच्चियों की अटेंडेंस नहीं लगाई गई है। उन्हें बेसमेंट में रखा गया है। स्कूल की हेड मिस्ट्रेस फराह दीबा खान के कहने पर ऐसा किया गया।

इतना ही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है| साथ ही केजरीवाल ने सचिव और शिक्षा निदेशक को सभी जानकारी के साथ बुलाया है| वहीं कई पैरेंट्स का कहना है कि उन्होंने फीस जमा कर दी है| हालांकि स्कूल प्रबंधन इससे इंकार कर रहा है और उनका कहना है कि स्कूल के डेटाबेस में यह जानकारी उपलब्ध नहीं है| दिल्ली पुलिस ने स्कूल फीस का भुगतान नहीं करने पर केजी के छात्रों को बेसमेंट में बंद करने को लेकर एक स्कूल के खिलाफ मामला दर्ज किया है| वहीं मामले को बढ़ता देख स्कूल प्रिंसिपल ने आरोपों का खंडन किया है| प्रिंसिपल का कहना है कि बेसमेंट सजा देने का स्थान नहीं है और यह एक एक्टिनिटी रूम है जहां बच्चे खेलते हैं और उन्हें म्यूजिक सिखाया जाता है| यह एक क्लासरूम की तरह ही है|