World Population Day 2018 : 1 सेकंड में पैदा होते है 4 बच्चे , फैमिली प्लानिंग है इस बार की थीम

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आज विश्व जनसंख्या दिवस है| भारत और चीन समेत दुनिया के कई देशों के लिए बढ़ती जनसंख्या अब एक चुनौती बनने लगी है| वर्तमान में भारत की आबादी लगभग 1,35,40,51,854 है| कहने को तो भारत एक देश है, पर इसकी जनसंख्या विश्व के 29 देशों के बराबर है| हमारे झारखंड राज्य की जनसंख्या सऊदी अरब की जनसंख्या के लगभग है| लेकिन, क्षेत्रफल के मामले में सऊदी अरब झारखंड से 27 गुना बड़ा है| झारखंड में जहां प्रति व्यक्ति भूमि उपलब्धता 0.002 वर्ग किमी है, तो सऊदी अरब में यह 0.064 वर्ग किमी है| यानी, हमसे 32 गुना| यही हाल अन्य संसाधनों के वितरण में भी होगा| बिहार की जनसंख्या इथोपिया देश की जनसंख्या के बराबर है|

पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने कहा था कि दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है और उनमें भी ज्यादातर गरीबी की हालत में गुजर बसर करते हैं| मानव विकास में यह असमानता ही दुनिया के कई हिस्सों में अस्थिरता और कई बार हिंसा का कारण बनती है| उनकी इस बात को दुनिया में हर दिन बढ़ती आबादी और उससे जुड़े दुष्परिणामों से जोड़कर देखा जा सकता है| कुदरत के संसाधनों के भंडार कम होते जा रहे हैं और इंसानों की आबादी बढ़ती जा रही है| यह बढ़ती आबादी विकास की रफ्तार को कम करने के साथ ही कई अन्य समस्याओं की वजह बनती है| भारत की आबादी दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है| ऐसे में पूरी दुनिया के लिए आबादी के लगातार बढ़ते जाने के परिणामों की गंभीरता को समझना और उसके अनुरूप जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों में भागीदारी निभाना जरूरी है |

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वर्तमान में दुनिया की आबादी लगभग साढ़े 7 अरब है| लेकिन 11 जुलाई, 1987 को जब यह आंकड़ा 5 अरब हुआ था तो लोगों के बीच जनसंख्या संबंधी मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस की नींव रखी गई| संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की आम सभा ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया और पहला विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई, 1989 को मनाया गया| वर्ष 2018 का विश्व जनसंख्या दिवस इस मामले में और भी खास है क्योंकि इस बार इसका मुख्य ध्यान ‘परिवार नियोजन: एक मानवाधिकार’ विषय पर केंद्रित है| भारत जैसे देश के लिए ये और भी अहम हो जाता है क्योंकि दुनिया की साढ़े सात अरब की आबादी में से लगभग 130 करोड़ लोग भारत में बसते हैं |

इस वक्‍त विश्‍व की कुल जनसंख्‍या 7.6 बिलियन यानी कि 760 करोड़ है| चीन (141 करोड़) विश्‍व की सबसे ज्‍यादा जनसंख्‍या वाला देश है, जबकि भारत (135 करोड़) दूसरे और अमेरिका (32.67 करोड़ ) तीसरे नंबर पर है| दुनिया में बुजुर्गों की संख्या बढ़ी है| अब युवा कम हैं और बुजुर्ग बढ़ गए हैं| माना जा रहा है कि 2050 तक संख्या और बढेगी| 1950 तक बुजुर्ग से ज्यादा युवा थे| साल 2018 के लिए ‘परिवार नियोजन: एक मानवाधिकार’ विषय को चुने जाने का भी एक महत्वपूर्ण कारण है, क्योंकि यह परिवार नियोजन को पहली बार मानवाधिकार का दर्जा देने वाली तेहरान घोषणा की 50वीं वर्षगांठ का वर्ष है|