योगी के राज में काला साम्राज्य, खुलेआम बेची जा रही है ताड़ी

रिपोर्ट :- देश बंन्धु तिवारी , रीडर टाइम्स 

IMG-20180404-WA0016

नैमिषारण्य सीतापुर :- 88000 ऋषि मुनियों की पावन तपस्थली व वेदों की जननी जिसे आज भी सतयुग के तीर्थ के नाम से जाना जाता है . यह ऐसी पावन भूमि है जहां सनातन धर्म के समस्त देवी देवता वास करते है.  ऐसी पावन ऋषि भूमि  पर कुछ अराजक तत्वों के द्वारा ताड़ी  का अवैध काला कारोबार किया जा रहा है जिससे यह पावन भूमि अपने आप में शर्मसार हो रही है . ऐसा भी नहीं है कि इस काले कारोबार की जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं है .  स्थानीय पुलिस सब कुछ जानते हुए भी सिर्फ चंद पैसों के लिए ना सिर्फ तीर्थ की मर्यादा को धूल धूसरित करने का काम कर रही है बल्कि मौजूदा योगी सरकार के निर्देशों को खुलेआम ठेंगा दिखा रही है .

जी हां हम बात कर रहे हैं सतयुग के तीर्थ नैमिषारण्य की जहां एक समय ऐसा भी था कि तीर्थ के चारों ओर  भीषण जंगल हुआ करता था .

परंतु समय के हिसाब से सब कुछ बदलता गया और धीरे-धीरे नैमिषारण्य के चारों तरफ से जंगल साफ होता चला गया और जंगल के नाम पर सिर्फ खजूर के पेड़ ही बहुतायात में  बचे हैं . अब इन पेड़ों पर स्थानीय अराजक तत्वों ने ताड़ी का काला कारोबार स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से शुरू कर दिया है जो पिछले 6 माह से निरंतर जारी है जबकि प्रदेश की सत्ता में आते ही बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ ने सीएम पद संभालते ही घोषणा की थी कि प्रदेश के समस्त तीर्थों पौराणिक स्थलों पर शराब एवं अन्य नशे के काले कारोबार का व्यवसाय नहीं होगा.

परंतु जब से भाजपा सरकार ने  प्रदेश की बागडोर अपने हाथ में ली तभी से नैमिषारण्य जैसे  पौराणिक तीर्थ में ताडी  का काला कारोबार शुरु हो गया .  ऐसा नहीं है कि तीर्थ क्षेत्र में हो रहे इस ताड़ी के काले कारोबार की स्थानीय पुलिस को जानकारी नहीं है .  सूत्रों की मानें तो स्थानीय पुलिस के पास एक निर्धारित रकम हर माह  पहुंचती है जिससे ताड़ी का काला कारोबार करने वाले लोगों के हौसले बुलंद हैं .  जिससे एक ओर  जहां प्रदेश सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां स्थानीय पुलिस के द्वारा उड़ाई जा रही है .  वही स्थानीय तीर्थ वासियों के मन में पुलिस के इस रवैया को लेकर भारी आक्रोश पनप रहा है .