लोगो के दिलो में हमेशा जिन्दा रहेंगे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई

रिपोर्ट : मेहदी अब्बास रिज़वी , रीडर टाइम्स

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लखनऊ : भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई एक राज नेता तो थे ही साथ ही एक बहुत बड़े पत्रकार और कवि भी थे। उन्होंने सदा भाईचारे और इंसानियत की हिमायत की और उसे अपने भीतर आत्मसात किया। लंबी ख़ामोशी और बीमारी के बावजूद वह जनता के दिलों में बसे रहे, बेशक अटल बिहारी वाजपेई व्यक्ति नही व्यक्तिव थे।

व्यक्ति चला जाता है मगर व्यक्तित्व सदा दिलो दिमाग में अपनी किरने बिखेरता रहता है। मैं उनसे कभी नहीं मिला, मगर देखा, सुना और पढ़ा, उस स्थान को भी देखा जहां रह कर 1957, 62 और 67 का चुनाव लड़ा। यह चुनाव उन्होंने बलरामपुर से लड़ा और आवास खगाई जोत में बनाया था। आज भी वह कमरा जहाँ रहे, वह चबूतरा जहां नहाते थे संरक्षित है।

वाजपेई जी समरसता के प्रकाशपुंज थे, सब को साथ ले कर चलने वाले थे, सभी से प्यार, नफ़रत किसी से नहीं। वह राष्ट्र को व्यक्ति और पार्टी से बहुत बड़ा जानते थे और यही एक सच्चे भारतीय की पहचान है। पर आज उनकी पार्टी किस रास्ते पर चली गई इसे हर कोई देख सकता है। आज उनके अंतिम दर्शन कर देश श्रद्धाजंलि दे रहा है मगर 80 साल के स्वामी अग्निवेश जो खुद एक व्यक्तित्व हैं, जब अंतिम दर्शन को पहुंचे तो उनसे मार पीट की गई, भाजपा  मुख्यालय की यह घटना नफ़रत की पराकाष्ठा बन गई। वाजपेई जी के पार्थिव शरीर के सामने ऐसी घटना भारत को शर्मसार कर गई। काश हम अपने को देश का नागरिक समझें न कि किसी विचारधारा का ग़ुलाम।
अटल जी को शत शत नमन।