भूमि अधिग्रहण को लेकर किसान प्रतिनिधिमंडल के साथ सभी मुद्दों पर सहमति बनी

संवाददाता (राहुल भरद्वाज)

रीडर टाइम्स

आंदोलन समाप्त करने की घोषणाअतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक

जयपुर/ 27 जनवरी। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह  राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में सोमवार को यहां शासन सचिवालय में आयोजित बैठक में दौसा में भूमि अधिग्रहण को लेकर आंदोलनरत किसानों के प्रतिनिधि मंडल के साथ हुई वार्ता में किसान हित के सभी मुद्दों पर सहमति बन गई। प्रतिनिधि मंडल ने वार्ता को सकारात्मक बताते हुए संतुष्टि जाहिर की और धरना स्थल पर जाकर आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की|

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह  राजीव स्वरूप ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाइवे एवं अमृतसर-जामनगर व्यापारिक कोरिडोर के लिए अवार्ड जारी करते समय शहरी क्षेत्र से दूरी के हिसाब से गुणांक कम लागू करने संबंधी प्रकरणों का समुचित प्राधिकारी की ओर से पुनः परीक्षण कराया जाएगा। इस दौरान काश्तकार अथवा किसान संघर्ष समिति का प्रतिनिधि मौजूद रहेगा। दूरी का निर्धारण सक्षम प्राधिकारी कार्यालय में ग्लोबल कॉर्डिनेट पद्धति से एरीयल दूरी अनुसार किया जाएगा। तैयार दूरी चार्ट पर उपस्थित किसान अथवा समिति के प्रतिनिधि के हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो दोनों पक्षों को मान्य होगा।श्री राजीव स्वरूप ने बताया कि अधिग्रहीत भूमि से अधिक जमीन पर कब्जा वाले प्रकरणों का पुनः परीक्षण कराकर निस्तारण कराया जाएगा।

यदि कहीं अधिक कब्जा पाया जाएगा तो उसे तत्काल मुक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि भूमि पर बसी घनी आबादी वाली जमीन के मुआवजे के लिए जिला कलेक्टर सभी प्रकरणों का परीक्षण कराएंगे और समुचित निर्णय के लिए राजस्व विभाग जयपुर को भेजेंगे।अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 14 जून 2016 को जारी अधिसूचना के अनुसार गुणांक निर्धारण प्रचलन में है। राजस्व विभाग छत्तीसगढ़ पद्धति का अध्ययन कर सभी संभावित विकल्पों पर समुचित अभिशंसा सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इसे भूतलक्षी (रेटरोस्पेक्टिव) प्रभाव से संशोधित करने के लिए विधिक परीक्षण करवाया जाएगा। मुआवजा निर्धारण के संबंध में एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि एक्ट में विहित प्रावधानों के अनुसार ही निर्धारित किया गया है।

राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने स्पष्ट किया कि विहित प्रावधानों के अनुसार ही मुआवजा निर्धारण किया जा सकता है।अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि जिन काश्तकारों की भूमि अवाप्ति में चली गई है उन्हें अन्य स्थान पर जमीन खरीदते समय स्टाम्प शुल्क से मुक्ति प्रदान करने के लिए विधिक परीक्षण कर उपलब्ध विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि सड़क के दूसरी तरफ जाने के लिए लगभग प्रति किलोमीटर पर अण्डरपास का प्रावधान है। साथ ही समानान्तर रूप से तीन-तीन मीटर चौड़ा यूटिलिटी कोरिडोर होगा जिसका काश्तकार व्यावहारिक रूप से आने-जाने मेंं उपयोग कर सकते हैं। कोरिडोर में किसी भी प्रकार से आवागमन बाधित नहीं किया जाएगा।

राजीव स्वरूप ने बताया कि भूमि अवाप्ति से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित काश्तकारों को प्राथमिकता से रोजगार में नियोजित किया जाएगा। एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में ही दो सौ स्थानीय लोग परियोजना में कार्यरत हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि भूमि अवाप्ति से भूमिहीन होने वाले काश्तकार को मकान के लिए आवासीय जमीन उपलब्ध कराने के लिए भूमि अधिग्रहण एक्ट की द्वितीय अनुसूची के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि अवाप्ति की वजह से ध्वस्त होने वाले मकानों या अन्य संरचनाओं का परीक्षण कराएंगे और 50 फीसदी से अधिक प्रभावित या बिल्कुल अनुपयोगी होने वाली संरचनाओं के प्रकरणों में मुआवजे का निर्धारण अपेक्षाकृत अधिक उदारता से किया जाएगा एवं सम्पूर्ण इकाई का मुआवजा दिया जाएगा। राजीव स्वरूप ने बताया कि काश्तकारों की ओर से सिंचाई के लिए बिछाई गई भूमिगत पाइप लाइन के प्रकरणों का परीक्षण कराकर समुचित मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को भांडारेज के कानसिंह एवं  मानसिंह के प्रकरण का तत्काल परीक्षण कर निस्तारित करने के निर्देश दिए।

किसान संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक हिम्मत सिंह गुर्जर ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर अधिकारियों के साथ सकारात्मक माहौल में हुई बैठक में किसान हित में कई निर्णय लिए गए और हमारे सभी बिन्दुओं को सरकार ने मान लिया है। इसके साथ ही हमने प्रतिनिधिमंडल के साथ विचार-विमर्श कर आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया है।  गुर्जर ने कहा कि इस बैठक में हुए फैसले प्रदेश में भूमि अधिग्रहण संबंधी प्रकरणों में काश्तकारों के हित में मील के पत्थर साबित होंगे।

बैठक में राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, सार्वजनिक निर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव  वीनू गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव राजस्व  आलोक गुप्ता, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त डॉ. नीरज कुमार पवन, सार्वजनिक निर्माण विभाग के शासन सचिव अनूप कुलश्रेष्ठ, अतिरिक्त जिला कलेक्टर दौसालोकेश कुमार मीणा, एनएचएआई के परियोजना निदेशक  वाईबी सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।