किसानों की उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिये सहकारी समितियां समय पर करे तैयारी- डीएम

                                उपज खरीद के दौरान सोशल डिस्टेनसिंग व अन्य सुरक्षात्मक उपाय के भी निर्देश

रिपोर्ट :-ब्यूरो हेड(राहुल भारद्वाज)
दौसा :- जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि जिले में किसानों से सीधी खरीद के लिये तीन खरीद केन्द्र लालसोट,लवाण व बांदीकुई पर राजफैड द्वारा गेंहू की खरीद 25 अप्रेल से तथा 5 खरीद केन्द्र लालसोट, बांदींकुई, मण्डावर, दौसा व मण्डावरी पर एफसीआई द्वारा चना व सरसों की खरीद 1 मई से की जायेगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने 16 सहकारी समितियां (12 ग्राम सेवा सहकारी समितियां एवं 4 क्रय-विक्रय सहकारी समितियां) को निजी गौण मंडी के रूप में घोषित किया है वे एक सप्ताह के भीतर किसानों के उत्पादन को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिये पूर्ण तैयारी करे।

 

सोमवार को कलेक्ट्रेट सभा भवन में आयोजित मण्डी व समर्थन मूल्य पर खरीद संबंधित बैठक को संबोधित करते हुये जिला कलक्टर ने यह बात कही। उन्होंने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों से उपज खरीदने के लिये अपने अपने खरीद केन्द्र पर पूर्ण व्यवस्थाये सुनिश्चित करे। उन्होने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीद के लिये तीन खरीद केन्द्र लालसोट,लवाण व बांदीकुई पर राजफैड द्वारा गेंहू की खरीद 25 अप्रेल से की जायेगी तथा 5 खरीद केन्द्र लालसोट, बांदींकुई, मण्डावर, दौसा व मण्डावरी पर एफसीआई द्वारा चना व सरसों की खरीद 1 मई से की जायेगी। उन्होने बताया कि किसानों को गेंहू का समर्थ मूल्य 1925 रूपये, चने का समर्थन मूल्य 4875 रूपये तथा सरसों का समर्थन मूल्य 4425 रूपये प्रति क्विंटल की दर से दिया जायेगा। उचित मूल्य पर उत्पादन बेचने वाले किसानों का पंजीयन किया जायेगा। संबंधित पटवारी व गिरदावर कर रिपोर्ट के अनुसार किसान अपनी फसल का उत्पादन संगंधित खरीद केन्द्रों पर ला कर बेच सकता है।

 

उन्होंने कहा कि किसानों को लाकडाउन के दौरान कम से कम परेशानी का सामना करना पडे इसके लिए जिले की सभी मण्डियों को 15 अप्रेल से चालू किया जाना सुनिश्चित करे। इसके लिये मण्डी प्रशासन व्यापारियों के सहयोग से कार्य योजना बनाकर किसानों से जुडी जरूरतों की सुविधा प्रदान करे। मण्डी में किसान अपनी उपज कब लाये यह मण्डी समिति निर्णय ले कर किसानों को अवगत करावे। इसके लिये सचिव कृषि उपज मण्डी अपने अपने क्षेत्र को चिन्हीत कर किसानों के कूपन जारी करावे ताकि मण्डी में भीड एकत्रित ना हो। उन्होने कहा कि मण्डी प्रशासन केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित करे। मण्डी प्रागंण में सोशलडिस्टेंशन की पालना करवाना सभी का दायित्व है। मण्डी में किसानों के लिये छाया,पानी की पुख्ता व्यवस्था करावे तथा कोरोना से संबंधित पोस्टर,बैनर से व्यापक प्रचार प्रसार करे तथा माईक के माध्यम से किसानों को कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी देने की पूर्ण व्यवस्था करावे।

 

उन्होने मंडी सचिवों को निर्देश दिए कि खरीद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य सुरक्षात्मक उपायों का पूरा ध्यान रखा जाये तथा खरीद के लिए स्थानीय व्यापारियों के साथ बैठक आयोजित कर कम संख्या में किसानों को मंडी परिसर में बुलाया जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को जिस दिन खरीद हो उसी दिन भुगतान किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि मंडियों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सेनेटाईजर चेम्बर एवं अन्य सुरक्षात्मक उपाय भी करे। मंडी प्रांगण में पानी की टंकी के साथ हाथ धोने के साबुन की अलग अलग जगहो पर पर्याप्त व्यवस्था करे । उन्होने कहा कि मण्डी में आने वाले प्रत्येक सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, व्यापारी, किसान व पल्लेदारों कों मास्क उपलब्ध करवाना अनिवार्य होगा। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नही की जायेगी। उन्होने कहा कि लाकडाउन के दौरान कृषि से जुडी गतिविधियों के लिये राज्य सरकार से छूट मिली हुई है। उन्होने कहा कि समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चने के बेचान के लिए किसानो द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है तथा 1 मई से पुनः पंजीयन प्रारंभ किया जाएगा। मण्डी नपरिसर में पुलिस की पुख्ता व्यवस्था की जायेगी।

 

बैठक में जिला रसद अधिकारी प्रहलाद मीना, सचिव कृषि उपज मंडी संतोष मीना, दिलीप गुर्जर, सहकारी समितियों के अधिकारी, भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी, मण्डी समितियों के व्यापारी राकेश चौधरी, पवन झालानी सहित अन्य व्यापारी उपस्थित थे।