‘प्रदेश के सांसदो विधायकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में सीएम ने कहा सभी के सहयोग से कोरोना को हराने में कामयाब होंगे,

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स

क्वारंटाइन हमारा टॉप एजेण्डा, विधायकों की बड़ी भूमिका मुख्यमंत्री

जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के अन्य राज्यों से लाखों की तादाद में लोग राजस्थान लौट रहे हैं, ऎसे में गांवों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए क्वारेंटीन हमारा टॉप एजेंडा रहेगा। इसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों खासकर विधायकों की बड़ी भूमिका रहेगी। वे इसे चुनौती के रूप में लें और हमारे प्रदेश को सुरक्षित रखने का दायित्व निभाएं।

गहलोत कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में सभी को साथ लेकर चलने तथा सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों से संवाद की कड़ी में मंगलवार को जयपुर और अजमेर संभाग के सांसदों एवं विधायको से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए चर्चा कर रहे थे। दो दिन तक कुल 21 घंटे तक यह मंथन चला। इस दौरान लगभग सभी जनप्रतिनिधियों ने अतिरिक्त गेहूं के आवंटन, पेयजल समस्याओं, सभी प्रकार की दुकानों को खुलवाने, मजदूरों के शीघ्र एवं सुगम आवागमन, मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में रोजगार योजना शुरू करने जैसे सुझाव प्रमुख रूप से दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारेंटीन के लिए कलेक्टरों के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों, उपखंड अधिकारियों एवं बीएलओ को विशेष जिम्मेदारी दी गई है ताकि ग्राम स्तर तक बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें। शहरों से कोरोना गांवों में नहीं फैले, इसके लिए क्वारेंटीन व्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। विधायकों को भी इसमें ध्यान देना होगा। क्वारेंटीन व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए कलेक्टरों को अनटाइड फण्ड में और राशि दी जाएगी।

नहीं किया किसी से कोई भेदभाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण किसी जाति, धर्म अथवा दलगत राजनीति के दायरे को नहीं देखता। उन्होंने कहा कि सभी को साथ में लेकर हम प्रदेश में इस वायरस को हराने में जरूर कामयाब होंगे। राज्य सरकार ने कोविड-19 से मुकाबले में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया है। लॉकडाउन लागू करने से लेकर प्रवासियों के आवागमन, जरूरतमंदों को मदद देने तथा सभी से संवाद रखने में राज्य सरकार ने लगातार आगे बढ़कर पहल की है। इसी का परिणाम रहा कि कोरोना से हम बेहतर ढंग से लड़ पा रहे हैं और दूसरे राज्य भी हमारा अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राशन वितरण, मरीजों के इलाज, कफ्र्यू में सख्ती एवं क्वारंटाइन सहित सभी सुविधाओं में किसी तरह का भेदभाव प्रदेश में नहीं किया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, विधायक सतीश पूनिया सहित दोनों संभागों के सांसद-विधायक वीसी से इस चर्चा में शामिल हुए। मंत्रीगण ने जिलों के प्रभारी एवं अपने क्षेत्र के विधायक के रूप में फीडबैक और सुझाव दिए।

प्रदेश के सांसद पीएम के समक्ष अतिरिक्त गेहूं की रखें मांग

गहलोत का मानना है कि प्रदेश में लगभग एक करोड़ ऎसे लोग संभावित हैं जिनके लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत केन्द्र से गेहूं का आवंटन नहीं हो रहा है। इसमें 54 लाख लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में जुड़े हुए हैं, लेकिन केन्द्र द्वारा 2011 की जनसंख्या के आधार पर 4 करोड़ 46 लाख लोगों के लिए ही गेहूं प्राप्त हो रहा है। इसके अलावा करीब 46 लाख लोग ऎसे हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में या तो जुड़ने से छूट गए या जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। ऎसे लोग चाहे एपीएल हों या बीपीएल, वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए उन्हें भी गेहूं मिले।

उन्होंने कहा कि ऎसे लोग जिन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा था, उन्हें मई माह में राज्य सरकार ने एफसीआई से 21 रूपये प्रति किलो की दर से गेहूं खरीद कर प्रति व्यक्ति 10 किलो गेहूं निशुल्क उपलब्ध करवाया है। इस पर एक माह में 78 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं। प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अधिक समय तक इसे जारी रखना मुश्किल होगा, ऎसे में केन्द्र को खाद्य सुरक्षा योजना में प्रतिमाह एक लाख मैट्रिक टन गेहूं अतिरिक्त आवंटित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सांसद प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं। सीकर सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती ने कहा कि कोरोना संकट में राज्य के सभी सांसद सरकार के साथ खड़े हैं और वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे।

मई के अंत तक टेस्ट क्षमता 25 हजार प्रतिदिन होगी

गहलोत ने कहा कि कोरोना के शुरूआती दौर में ही हमारी सरकार ने सबके सुझावों को शामिल कर कार्ययोजना बनाई और अहम फैसले लिए। प्रदेश में अभी तक 1 लाख 85 हजार से अधिक सैम्पल लिए गए हैं। प्रति 10 लाख जनसंख्या पर राजस्थान में 2213 टेस्ट किए जा रहे हैं जो अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक हैं। उन्होंने कहा कि मई के अंत तक टेस्ट क्षमता 25 हजार प्रतिदिन कर ली जाएगी।

कोई भी प्रवासी श्रमिक सड़क पर पैदल नहीं निकले

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पास बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है और बाहर से आने वाले प्रवासियों के लिए विस्तृत गाइडलाइन 11 मई को जारी की गई है ताकि उन्हे किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रवासी श्रमिक अपने गृह स्थान जाने के लिए सड़क पर पैदल नहीं निकले। राज्य सरकार ने उनके लिए बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की है। साथ ही विभिन्न स्थानों पर कैम्प की भी व्यवस्था की गई है।

सभी दलों को साथ लाना एक अच्छी परम्परा विधानसभा अध्यक्ष

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऎसी वैश्विक महामारी से मुकाबला करने के लिए सभी दलों को साथ लेकर एक अच्छी परम्परा स्थापित की है। हमारा प्रयास हो कि पंचायत स्तर तक हम जनप्रतिनिधियों को इस लड़ाई में भागीदार बनाएं। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना के साथ रहना सीखना होगा और इसके लिए विधायकों सहित सभी को अपनी कार्य प्रणाली में बदलाव भी करना पडेगा। उन्होंने कहा कि आमजन में इस महामारी को लेकर पैदा हुए भय को दूर करने में जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है।

दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ लेने होंगे कड़े निर्णय उपमुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यह समय दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कडे निर्णय लेने का है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को और तेज करना होगा, तभी हम इन हालातों का सफलतापूर्वक मुकाबला कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बाहर से लौट रहे श्रमिकों को हम मनरेगा में आसानी से जॉब कार्ड उपलब्ध करवाएंगे। उन्होंने क्वारंटीन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिला एवं तहसील स्तर तक जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की संयुक्त कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को भी बढ़ावा देने और वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने के प्रयास हों।

पायलट ने कहा कि केंद्र की मदद के बिना राज्यों के लिए इस संकट से उभर पाना संभव नहीं है। प्रदेश के सांसदों को केंद्र सरकार पर अधिक से अधिक मदद के लिए दबाव बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में मनरेगा कार्यों में अब तक 25 लाख से अधिक श्रमिकों को नियोजित किया गया है।

मुश्किल हालातों में प्रदेश को परिवार के मुखिया की तरह संभाला

गहलोत ने सांसदों एवं विधायको से चर्चा के दौरान उनके सुझाव भी आमंत्रित किए। सभी पार्टियों के सांसदों-विधायकों ने कहा कि राजस्थान में कोरोना संक्रमण रोकने की दिशा में अच्छा काम हो रहा है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी। दौसा सांसद श्रीमती जसकौर मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रतिपक्ष को भी इस लड़ाई में भागीदार बनने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि फोन अथवा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वे लगातार प्रतिपक्ष के जनप्रतिनिधियों से सुझाव ले रहे हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रतिपक्ष को साथ लेकर चलने की उनकी यह पहल सराहनीय है। महवा विधायक ओमप्रकाश हुडला ने कहा कि एक परिवार के मुखिया की तरह मुख्यमंत्री राजस्थान को संभाल रहे हैं। ‘कोई भी भूखा नहीं सोए‘ के आपके संकल्प ने हम सभी जनप्रतिनिधियों को भी गरीबो, असहायों, निराश्रितों एवं जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा डटे रहने की प्रेरणा दी है।

भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेडिया ने कहा कि भीलवाड़ा के जिस सफल मॉडल की चर्चा देश-विदेश में हो रही है, उसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। आपके दिशा निर्देशों एवं लगातार मॉनीटरिंग से भीलवाड़ा कोरोना मुक्त हो सका। भीलवाड़ा के अन्य विधायकों ने भी इसके लिए गहलोत को बधाई दी।

यूएसए में भी भीलवाड़ा मॉडल के चर्चे

खेतड़ी विधायक डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण पर काबू करने के लिए झुंझुनूं एवं भीलवाड़ा में उठाये गए कदमों की तारीफ यूएसए के ह्यूस्टन में भी हुई है। ह्यूस्टन में डॉक्टर के तौर पर काम कर रही उनकी बेटी ने बताया कि भीलवाड़ा का क्वारंटीन मॉडल वहां के डॉक्टरों में ‘अशोक गहलोत मॉडल‘ नाम से चर्चा में है।

पीड़ितों को तत्काल मिली सहायता

देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा ने कहा कि आपदा के इस समय में मुख्यमंत्री पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ पूरे प्रदेश को संभाले हुए है। उन्होंने केरल  में फंसे टोंक जिले के नवोदय विद्यालय के 23 विद्यार्थियों को राजस्थान लाने, टोंक जिले में ओलावृष्टि एवं आंधी के कारण हुई 4 मौतों तथा दुष्कर्म के एक मामले में तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।कई विधायकों ने उनके क्षेत्र में पेयजल की दिक्कत बताई। गहलोत ने उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार पेयजल की समस्या का समाधान करने के लिए अलग से वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराएगी। सांसदों और विधायकों ने दूसरी जगह से आने वाले लोगों के लिए गांव के स्कूल अथवा पंचायत भवन में संस्थागत क्वारंटाइन की व्यवस्था, मनरेगा की सूचियों में नए मजदूरों के नाम जोड़ने, कृषि मण्डियों में फसल खरीद की प्रक्रिया में सुधार करने, गर्मी के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था सुदृढ़ करने आदि पर सुझाव दिए। वीसी के दौरान यूडीएच मंत्री श्री शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की लगातार मांग के बाद केन्द्र सरकार ने प्रवासियों को सुरक्षित अपने घर पहुंचाने के लिए गाइडलाइन जारी की और उनके लिए विशेष ट्रेनें चलाई गई। इसकी शुरूआत कोटा से कोचिंग छात्रों को अपने गृह राज्य में भेजने से हुई।

रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से नहीं जुड़ पाई राजसमंद सांसद दीयाकुमारी ने आज हुई कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना को लेकर बहुत अच्छा काम हुआ है। प्रशासन भी जनता का पूरा सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही हुई ओलावृष्टि एवं टिड्डी दलों से राहत के लिए राज्य सरकार जल्द कदम उठाए।  जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि सभी को मिलकर कोरोना का मुकाबला करना होगा। सांसद भागीरथ चौधरी, रामचरण बोहरा, सुखबीर जौनपुरिया, महंत बालकनाथ एवं विधायक सतीश पूनिया ने भी विचार व्यक्त किए।

इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने वीसी के दौरान प्रदेश में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।