राजकौशल पोर्टल पर 11 लाख नियोक्ताओं व 52 लाख रोजगार के इच्छुकों का डेटा उपलब्ध

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स न्यूज़

जयपुर : श्रम कौशल विकास एवं नियोजन सचिव डॉ. नीरज के पवन ने बताया है कि राजकौशल पोर्टल पर प्रदेश के 11 लाख नियोक्ताओं और 52 लाख से अधिक विभिन्न श्रेणी के रोजगार के इच्छुकों के डेटा उपलब्ध करा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी ई-मित्र केन्द्रों को राजकौशल पोर्टल पर लेबर पंजीयन के लिए अधिकृत कर दिया गया है वहीं राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां श्रम, कौशल विकास, उद्योग व संबंधित विभाग एक साथ मिलकर पोर्टल के माध्यम से उद्योगों के लिए श्रमिकों और श्रमिकों के लिए रोजगार के समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं।

श्रम सचिव डॉ. नीरज के पवन उद्योग भवन में उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल के साथ जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों, रीको व श्रम विभाग के अधिकारियों और जिलों के औद्योगिक संघों के पदाधिकारियों से वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने बताया कि राजकौशल पोर्टल की विशेषता यह है कि यह उद्यमी एवं रोजगार के इच्छुक दोनों के लिए उपयोगी है। पोर्टल पर 22 लाख बिल्डिंग बिल्डर्स वर्कर, 12 लाख रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत युवा, एक लाख 50 हजार आईटीआई से निकले बच्चे, 3 लाख 50 हजार कौशल विकास प्रशिक्षित एवं 13 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों का जिलाबार, स्किलबार ब्यौरा उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही 11 लाख नियोक्ताओं का डेटा भी इस पर उपलब्ध है।

 डॉ. पवन ने बताया कि कोई भी नियोक्ता अपनी मांग पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं वहीं रोजगार के इच्छुकों को भी यह सुविधा दी गई है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों द्वारा स्वघोषणा के आधार पर सूचना अपलोड की जाएगी। पोर्टल एक मंच है जिससे उद्यमी अपनी मांग के अनुसार श्रमिक एवं श्रमिक या रोजगार के इच्छुक रोजगार की तलाश कर सकते हैं। उन्होंने पोर्टल के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए।

उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा इस तरह की अभिनव पहल की गई है। उन्होंने बताया कि उद्यमी अपना डेटा अपलोड करने के साथ ही डिमाण्ड अपलोड कर सकते हैं वहीं जिला व ट्रेडबार डेटा से चयन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि डेटा में पूरी डिटेल के साथ ही मोबाइल नंबर भी उपलब्ध है।अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 13 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों की उपलब्ध लिस्ट व मोबाइल नंबर के आधार पर समन्वय बनाते हुए डिटेल अपलोड करवावें। उन्होंने अधिकारियों से युद्धस्तर पर अभियान चलाकर मेपिंग कराने के निर्देश दिए। उन्होने बताया कि उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी वहीं सरकारी वित्तीय सहयोग से उद्योग स्वयं भी कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर सकेंगे।

डीओआईटी विभाग के उपनिदेशक उमेश जोशी ने पोर्टल के उपयोग के संबंध में विस्तार से प्रजेटेंशन दिया। उन्होंने बताया कि 207 नियोक्ताओं ने आवश्यकता अपलोड कर दी है वहीं 1077 श्रमिको ने पंजीयन करा लिया है। वीसी में उपनिदेशक उद्योग राजीव गर्ग, निधि शर्मा, सहायक निदेशक सविजा केजरीवाल, डीओआईटी व विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।