गारमेंट हब बनेगा प्रदेश : मुख्यमंत्री

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

1- प्रवासी कामगारों की मदद से बदलेगी तस्वीर
2- लाखों रोजगारो का होगा सर्जन

लखनऊ : कोरोना संक्रमण बीच भी सूबे के मुख्यमंत्री चुनौतियों को अवसर में बदल रहे हैं | प्रवासी कामगारों की दक्षता का इस्तेमाल प्रदेश को गारमेंट हब बनाने में किया जाएगा | सीएम ने लोक भवन में टीम इलेवन के साथ हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग का एक प्रस्तुतीकरण भी देखा |उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया है कोरोना महामारी के दौरान हुए पलायन में जो प्रवासी श्रमिक अपने घर लौट आए हैं उनमें बड़ी संख्या में वस्त्र उद्योग से जुड़े अलग-अलग क्षेत्रों के कई स्किल्ड मजदूर हैं | हम इन्हें रोजगार देने के लिए कटिबद्ध हैं और इन्हीं की श्रम शक्ति से प्रदेश की औद्योगिक क्षमता का विकास संभव हो सकेगा | उन्होंने कहा राज्य में वस्त्र उद्योग के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं जिनकी मदद से राज्य को गारमेंट हब में बदला जा सकता है | गारमेंट उद्योग के बढ़ने से जहां एक तरफ रोजगार के बड़ी मात्रा में अवसर उत्पन्न होंगे वहीं दूसरी तरफ राज्य की औद्योगिक आय भी बढ़ेगी | राज्य में एयर और रोड कनेक्टिविटी लगातार बेहतर होती जा रही है इससे वस्त्र उद्योग को काफी लाभ होगा |

इस संबंध में मुख्यमंत्री ने हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा नए रोजगार सर्जन की तैयारी संबंधित एक प्रस्तुतीकरण भी देखा | इस संबंध में अपर मुख्य सचिव हथकरघा रमा रमण ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में वस्त्र उद्योग की 4500 इकाइयां काम कर रही हैं इनमें से 3000 इकाइयां दिल्ली से सटे गौतम बुध नगर और शेष 1500 पूरे प्रदेश के अलग-अलग शहरों कानपुर बरेली लखनऊ जैसे कई शहरों में लगी हुई | इन सभी इकाइयों से लगभग 22000 करोड का प्रतिवर्ष निर्यात होता है | प्रदेश में नई इकाइयों के शुरू होने के लिए पर्याप्त संसाधन और सकारात्मक माहौल मौजूद है जल्द ही वस्त्र उद्योग में नई ऊर्जा के साथ बड़े पैमाने पर बदलाव दिखाई देंगे | इसी के साथ मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण की समीक्षा करते हुए कहा कि उद्योग की रफ्तार बढ़ाने के साथ हमें संक्रमण की रफ्तार को कम करना है यह सही है कि सारे देश और प्रदेश में संक्रमितओं की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन हमें अपनी सुरक्षा कदमों को लगातार उठाते रहना है हाथ लगातार धोने हैं चेहरे को मास्क द्वारा ढके रखने मात्र से ही हम संक्रमण की फैलने की दर को काफी कम कर सकते हैं | उन्होंने कहा कि प्रदेश में एसिंप्टोमेटिक मामले लगातार बढ़ रहे हैं और पुलिस फोर्स को भी संक्रमण से खतरा पैदा हो रहा है | इस खतरे को देखते हुए पुलिस फोर्स को बचाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चलाने की आवश्यकता है| जिसके लिए पुलिस लाइन थानों जेलों पीएसी वाहिनीयों के कर्मियों को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ा जाए तथा कोरोनावायरस के बचाव के उपकरणों के सही इस्तेमाल की पूरी ट्रेनिंग पुलिस फोर्स को दी जाने की आवश्यकता पर बल दिया |