राजस्थान : साल में 300 दिन तक सोता है आधुनिक काल का कुंभकर्ण

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
राजस्थान से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां जोधपुर के नागौर जिले में रहने वाले पुरखाराम साल में 300 दिन तक सोते हैं. खास बात ये है कि इस दौरान उनका खाने से लेकर नहाने तक सब कुछ नींद में ही होता है. दरअसल 42 वर्षीय पुरखाराम एक बेहद ही दुर्लभ बीमारी एक्सिस हायपरसोम्निया (Axis hypersomnia) से ग्रसित हैं. डॉक्टरों के अनुसार ये एक साइकोलॉजिकल बीमारी है और दुनिया में बहुत कम लोगों में ही देखने को मिलती है.

“नागौर जिले के परबतसर उपखंड के भादवा गांव में रहने वाले पुरखाराम एक बार सोने के बाद 25 दिनों तक नहीं उठते हैं. लगभग 23 साल पहले उनकी इस बीमारी की शुरुआत हुई थी. स्थानीय लोग इन्हें गांव का कुंभकर्ण कहकर बुलाते हैं.”

केवल पांच दिन खुलती है पुरखाराम की किराने की दुकान :- पुरखाराम की अपनी किराने की दुकान है लेकिन 25 दिनों तक सोते रहने के चलते वो महीने में केवल पांच ही दिन इस दुकान को खोल पाते हैं. पुरखाराम के परिजनों के अनुसार बीमारी की शुरुआत में वो लगातार 5 से 7 दिनों तक सोते रहते थे हालांकि तब भी उन्हें उठाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी. परेशान होकर पुरखाराम के परिजन उन्हें डॉक्टर के पास लेकर गए.

“परिजनों ने बताया की शुरुआत में किसी भी डॉक्टर को उनकी नींद का कारण समझ में नहीं आया लेकिन समय के साथ धीरे धीरे उनके सोने का समय बढ़ता चला गया. अब हालात ये हो चुके हैं कि एक बार सोने के बाद पुरखाराम लगातार 25 दिनों तक सोते रहते हैं।”

नींद में ही होता है खाना और नहाना :- पुरखाराम ने बताया कि, “एक दिन पहले ही उसे सिर दर्द होने लगता है और उसे पता चल जाता है कि अब लंबे समय तक सोने का वक्त आ गया है. एक बार सोने के बाद मेरे लिए उठना बेहद मुश्किल हो जाता है. परिवार के लोग मुझे नींद में ही खाना खिलाते हैं. साथ ही मेरा नहाना भी नींद में ही होता है. हालांकि जब मैं भूखा होता हूं तो मुझे नींद नहीं आती.”

पुरखाराम ने बताया कि, “अभी 12 दिन के बाद कल ही मेरी नींद खुली है. मेरी पत्नी लिछमी देवी ने कड़ी मशक्कत के बाद मुझे उठाया है.” साथ ही उन्होंने कहा, “इसके अलावा मुझे कोई भी दूसरी दिक्कत नहीं है. नींद के दौरान मैं खुद से जागने की कोशिश भी करता हूं लेकिन ना जाने क्यों मैं कई कोशिशों के बाद भी उठ नहीं पाता हूं. मैंने कई जगहों पर इसका इलाज कराने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.”