विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस पर ज्योति बाबा की चेतावनी

सौरभ सैनी
रीडर टाइम्स न्यूज़

  • व्यक्तियों की तस्करी मानवीय गरिमा का हनन…ज्योति बाबा

  • चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के लिए भी होती है बच्चों की तस्करी… ज्योति बाबा

  • ड्रग्स एंड क्राइम से बढ़ता मानव तस्करी का व्यापार…ज्योति बाबा

  • मानव तस्करी का हब बना बांग्लादेश…ज्योति बाबा

कानपुर –  एक रिपोर्ट के मुताबिक 21 राज्यों के 262 जिलों में कोरोना से पहले और बाद के अंतराल के बीच बाल तस्करी के मामले बढ़े हैं शुभ संकेत के रूप में इस अवधि में 18 वर्ष से कम उम्र के 3549 बच्चों को बचाया गया है बचाए गए बच्चों में 80% की आयु 3 से 18 वर्ष की थी जबकि 13% की उम्र 9 से 12 वर्ष की थी इसमें 2% से अधिक 9 वर्ष से भी कम उम्र के बच्चे शामिल थे उपरोक्त बात नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के तहत सोसाइटी योग ज्योति इंडिया,देव ज्योति,पंडित दीनदयाल उपाध्याय एग्रीकल्चर एंड आयुर्वेदिक रिसर्च संस्थान के तत्वाधान में विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर आयोजित वेबीनार शीर्षक मानव तस्करी मानवता पर अभिशाप है पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख,नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के नेशनल ब्रांड अंबेसेडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कही ज्योति बाबा ने आगे कहा कि एनसीआरबी के हवाले से संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में 2019 और 2021 के बीच 160180 महिलाएं और 38234 लड़कियां लापता हुई थी इसी अवधि में पश्चिम बंगाल से 156905 महिलाएं व 36606 लड़कियां और महाराष्ट्र में 1 7 8400 महिलाएं 13033 लड़कियां लापता हुई थी। ज्योति बाबा ने बताया कि सरकार ने आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2018 में 12 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड सहित और कठोर दंडात्मक प्रावधान किए गए हैं वरिष्ठ समाजसेवी अमरजीत सिंह पम्मी भैया ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में लड़कियों और महिलाओं के लापता होने की संख्या सबसे अधिक दर्ज हुई है की गई है राष्ट्रीय राजधानी में 2019 और 2021 के बीच 61054 महिलाएं और 22919 लड़कियां जबकि जम्मू-कश्मीर में 8617 महिलाएं और 1148 लड़कियां लापता हुई थी। हिंदू वाहिनी के डॉक्टर जस्सी शुक्ला ने कहा कि मानव तस्करी हिंसा,धोके या जबरदस्ती के जरिए लोगों को फंसाने और वित्तीय या व्यक्तिगत लाभ के लिए उनका शोषण करने की प्रक्रिया है। सोशल एक्टिविस्ट गीता पाल ने कहा कि इस वर्ष की थीम रीच एवरी विक्टिम ऑफ ट्रैफिकिंग लीव बिहाइंड ,सरकारों , कानूनी अधिकारियों,सार्वजनिक सेवाओं और सिविल समाज को यह आवाहन करता है कि वह यह मूल्यांकन करें और सुधार करें ताकि वे रोकथाम को मजबूती दे सके पीड़ितों की पहचान और समर्थन कर सके। समाजसेवी शैलेंद्र शुक्ला ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार किसी व्यक्ति को डराकर बलपूर्वक या दोषपूर्ण तरीके से काम लेना ,यहां वहां ले जाना या बंधक बनाकर रखने जैसे कृत्य तस्करी की श्रेणी में आते हैं। वेबीनार का संचालन सुशील बाजपेई एन वाई के व धन्यवाद और राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने दिया । अंत में मानव तस्करी जैसे अन्यायपूर्ण कृत्य को समाप्त करने व नशा मुक्त जीवन जीने का संकल्प सभी को योग गुरु ज्योति बाबा ने कराया।