रीडर टाइम्स डेस्क
यशस्वी सोलंकी की यह नियुक्ति देश की उन लाखो लड़कियों के लिए प्रेणना हैं जो बड़े सपने देखती हैं …

लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी भारतीय नौसेना की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं जिन्हे भारत के राष्ट्रपति का एडीसी नियुक्त किया गया हैं यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि हैं क्योकि अब तक नौसेना से कोई भी महिला इस पद पर नहीं पहुंची थी। एडीसी का काम राष्ट्रीयपति की मदद करना और सेना से जुड़े कामो में उनका सहयोग करना होता हैं।
भारत के राष्ट्रपति तीनों सेना – थल , वायु और नौसेना के सर्वोच्च कमांडर होते हैं उनके पास कुल पांच एडीसी होते हैं जिनमें तीन थल सेना और एक वायु सेना से और नौसेना से होते हैं यशस्वी सोलंकी को इसी परंपरा के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की टीम में शामिल किया गया।
यशस्वी गुजरात के भरुच की रहने वाली है उनका चयन अप्रैल 2025 में हुआ था और इसके बाद उन्होंने करीब 1 महीने तक प्रशिक्षण (ओरिएंटेशन ) लिया फिर 9 मई को उन्होंने राष्ट्रपति से अपना विशेष प्रतीक ” एगुइलेट” प्राप्त किया जो एडीसी की पहचान होती है।
अब सोलंकी ढाई से 3 साल तक इस पद पर रहेगी वह राष्ट्रपति के कार्यक्रमों बैठकों और औपचारिक योजनाओं में हर समय उनके साथ रहेगी और उनका सहयोग करेगी उन्होंने कहा की शुरुआत में उनका ध्यान सीखने और समझाने पर था। लेकिन अब इन्हें अपने कर्तव्यों की गहराई से जानकारी हो गई फिर भी वह इस भूमिका में कभी भी ज्यादा आत्मविश्वास नहीं बनना चाहती क्योंकि यह बहुत जिम्मेदारी वाला काम है। यशस्वी सोलंकी की यह नियुक्त देश की उन लाखों करोड़ लड़कियों की प्रेरणा है जो बड़े सपने देखते हैं यह दिखाता है कि अब महिलाएं देश की रक्षा व्यवस्थाओं नेतृत्व के हिस्सों में अपनी मजबूत भागीदारी निभा रही है।
यशस्वी ने बताया क्या काम करते हैं -एडीसी
उन्होंने कहा हम सभी कार्यक्रमों की तैयारी करते हैं और राष्ट्रपति से मिलने आने वाले लोगों के बारे में नवीनतम जानकारी लेते हैं। क्योंकि हमें हर कार्यक्रम से पहले उन्हें जानकारी देनी होती और वह कुछ भी पूछ सकती हैं। उन्होंने कहा मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे राष्ट्रपति का एडीसी चुना जाएगा। यह कभी मेरी इच्छा सूची भी नहीं थी। क्योंकि मुझे नहीं पता था कि आज संभव हो सकता है।
पहले यहां तैनात थी यशस्वी सोलंकी –
सोलंकी पहले हैदराबाद में नौसेना का युद्ध रक्षा उत्पादन में तैनाती इंडियन एक्सप्रेस उन्होंने कहा ,मैं एक तकनीकी अधिकारी हूं और शुरू में मेरा ज्ञान काफी सीमित था। क्योंकि यहां मेरा ”प्रोटफोलियो ” था। मेरे पास सामान्य ज्ञान था लेकिन वह काफी सामान था। लेकिन आप मुझे हर समय अपडेट रहने की जरूरत है। जैसे हर घंटे हर मिनट आपको हर सेकंड अपडेट रहना होगा। क्योंकि कभी भी कोई भी मुझसे कोई भी सवाल पूछ सकता है और मुझे तैयार रहना होगा। सोलंकी ने कहा आप यहां जो भी कहते हैं जो भी करते हैं उससे बहुत फर्क पड़ता है। क्योंकि हम जो भी करते हैं या राष्ट्रपति को बताते हैं वह उस पर चलती है। वहां अपने भाई बहनों पर रक्षा बलों में शामिल होने वाली एकमात्र महिला।
राष्ट्रपति के कमरे की बगल में होता है एडीसी का कैमरा
राष्ट्रपति एडीसी प्रथम नागरिक के लिए पुल का काम करते हैं वे सभी राष्ट्रपति समारोह और कार्यक्रम में उनके साथ मौजूद रहते हैं सरकार और सेना के विभिन्न शाखाओ के साथ संचार की सुविधा प्रदान करते हैं। राष्ट्रपति के कमरे के बगल में एक ड्यूटी रूम आवंटित किया गया है। एडीसी हर समय बस एक कॉल की दूरी पर रहता है कभी – कभी वह रोटेशन पर 24 घंटे ड्यूटी पर रहते हैं।