ये देश के वीर जवान मेरे

final army

 

 ये देश के वीर जवान मेरे ,

रखते है देश की शान मेरे ,

ये भाई मेरे पहचान मेरे ,

इस देश का स्वाभिमान मेरे ||  

 

 

 

घूँघट में दुल्हन भी होगी ,

 वो प्यार का दम भरती होगी

इक पिया मिलन की आस लिए ,

 वो हर पल को तकती होगी ||

                                                                                 

 

इनकी भी माँ बहने होंगी ,

 वो बहनों के राखी धागे ,

बेरंग है गोली के आगे ,

कैसे कटती वो दिन राते ||

 

 

 

उस माँ से पूछ तो लो जाके ,

बेटे बिन कैसे सोई है ,

धरती माता भी रोई है ,

इक लाल तो वो भी खोई है ||

 

 

 

जिस गाँव की मिट्टी में खेला , 

उस गाँव में उसका ही मेला , 

ताबूत में ऐसे पड़ा हुआ ,

जैसे जिद पे है अड़ा हुआ ||

 

 

 

मुझे फिर सरहद पर जाने दो ,

बेटे का फर्ज निभाने दो , 

इस कण -कण के अभिमान मेरे , 

भारत माता के लाल मेरे ||

shruti shukla

 कवित्री श्रुति शुक्ला