लौकी के जूस के फायदे,सेहत के लिए अमृत

लौकी

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लौकी में पाए जाने वाले तत्व :-

लौकी में पाये जाने वाले तत्व :

  • प्रोटीन –                     0.2 प्रतिशत
  • वसा –                        0.1 प्रतिशत
  • कार्बोहाइड्रेट –            2.9 प्रतिशत
  • जल  –                      96.3 प्रतिशत
  • विटामिन-बी –          थोड़ी मात्रा में
  • लौह –                      0.7 मिग्रा./100 ग्राम
  • फॉस्फोरस –             0.01 प्रतिशत
  • कैल्शियम –             0.02 प्रतिशत

लौकी की आयुर्वेदिक फायदे :-

    1. वजन कम करने में सहायक
      बेहद कम लोग इस बात को जानते हैं कि घीयावजन को कम करती है। ये और दूसरी चीजों के मुकाबले तेजी से वजन कम करने में सहायक होती है। घीया को उबालकर नमक के साथ खाने से वजन जल्दी ही कुछ ही दिनों में घट जाता है। घीया में फाइबर की अच्छी मात्रा से जल्द भूख नहीं लगती और पेट भी भरा-भरा सा लगता है।
    2. चेहरे में लाए प्राकृतिक निखार
      चेहरे को अंदर और बाहर से प्राकृतिक  सुंदरता और निखार लाने के लिए प्रतिदिन घीया का सेवन करना चाहिए। घीया चेहरे को सुंदर और आकर्षक बनाती है। घीया का जूस पेट की अंदरूनी सफाई करता है जिससे चेहरे पर धूल, धूप, और प्रदूषण से होने वाले मुहांसों से छुटकारा मिलता है। साथ ही त्वचा खूबसूरत और मुलायम बनी रहती है।
    3. डाइबिटीज – घीया डाइबिटीज के मरीजों को बेहद फायदा पहुंचाती है। खाली पेट घीया का जूस का सेवन डाइबिटीज के मरीजों को सुबह-सुबह करना चाहिए।
    4. वर्कआउट के बाद पीना फायदेमंद – आप वर्कआउट के बाद जिस प्रोटीन शेक को पीते हैं, उसकी जगह घीया के जूस को पीकर देखिये। लौकी के जूस में मौजूद नैचुरल शुगर न सिर्फ ग्लाइकोजीन (glycogen) स्तर को बनाए रखती है बल्कि वर्कआउट के दौरान शरीर में कार्बोहाइड्रेट की जो कमी पैदा होती है उसे भी पूरा करती है। इसमें प्रोटीन काफी मात्रा में होता है इसलिए ये मांसपेशियों की क्षमता भी बढ़ाता है।
    5. यूटीआई से निपटने में मदद करे – अगर आपको यूरीन के दौरान जलन या दर्द महसूस होता है तो आपको ज़रूरत है हर सुबह घीया का जूस पीने की। क्योंकि ऐसा यूरीन में एसिड की मात्रा बढ़ने पर होता है और लौकी के जूस से मिलने वाली ठंडक एसिड के असर को कम कर देती है।
    6. पाचन – जिन लोगों को पाचन संबंधी परेशानियां हों वे घीया का सेवन करें। घीया पेट में गैस की समस्या को दूर करती है। इसलिए इसे अपने भोजन में जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।
    7. अनिद्रा से राहत – अनिद्रा की समस्या से पीड़ित लोग लौकी के रस के साथ तिल का तेल मिलाकर पी सकते हैं ।
    8. सनटैन से छुटकारा दिलाए – अगर आप चाहते हैं कि आप सनटैन से बचे रहें, तो भी लौकी का जूस आपके काम आ सकता है। इसके नेचुरल ब्लीचिंग तत्व टैन त्वचा को लाइट करते हैं। साथ ही ये अच्छा मॉश्चराइज़र भी है। दिन में 3-4 बार टैनिंग वाले स्थान पर लौकी का जूस लगाने से लाभ मिलता है।
    9. पेट होगा साफ – लौकी का जूस पेट की अंदरूनी सफाई करता है जिससे चेहरे पर धूल, धूप, और प्रदूषण से होने वाले मुहांसों से छुटकारा मिलता है। साथ ही त्वचा खूबसूरत और मुलायम बनी रहती है।
    10. स्वस्थ ह्रदय – आजकल लोगों में दिल की कई समस्याओं के बारे में सुना जाता है जो हल्के और गंभीर दिल के दौरे को जन्म दे सकती हैं । कुछ लोगों को यह तकलीफ अनुवांशिक होती है और कुछ लोगों की जीवनशैली और अनुचित आहार इसका कारण होती है | अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए घीया का रस पी सकते हैं। यह रक्तचाप को नियंत्रित करके दिल का प्रभावी ढंग से विकास करके उसे स्वस्थ रखेगा ।
    11. विटामिन और प्रोटीन -घीया में सभी तरह के प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी3, बी6, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और जिंक पाया जाता है। जो शरीर को कई बीमारियों से बचाता है।
    12. कोलेस्ट्राल से बचाए – अपने खाने में घीया का इस्तेमाल करें यह दिल संबंधी बीमारियों से आपको बचाता है। घीया खाने से हानिकारक कोलेस्ट्राल कम होने लगता है और हार्ट अटैक जैसी बीमारी से इंसान बच जाता है। इसलिए घीया का जूस बेहद फायदेमंद होता है।
  1. कब्ज़ से दिलाए राहत – अगर आपको कब्ज़ की शिकायत रहती है तो रोज़ सुबह घीया का जूस पीने की आदत डाल लें। इसमें मौजूद हाई फाइबर आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं। इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स भी होते हैं जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाकर रखते हैं जिससे कि दस्त नहीं होते।
  2. ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है – सिर्फ 1 गिलास घीया का जूस पीकर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही खाने में थोड़ा बहुत बदलाव करके भी ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर किया जा सकता है
  3. तनाव में कमी – बच्चे से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति तक तनाव काफी आम हो गया है। अगर आप अस्वास्थ्यकर आहार लेते रहें, तो स्थिति बिगड़ती जा सकती है। पर्याप्त पानी की मात्रा होने के कारण आप घीया खा सकते हैं जो शरीर को ठंडा प्रभाव देगी। घीया में पित्तशामक गुण होने के कारण आप अपने शरीर को आंतरिक रूप से शांत महसूस करेंगे ।

लौकी का जूस लेत समय की सावधानियां
1- लौकी का जूस पीते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इसके साथ किसी और चीज को मिक्स न करें।
2- लौकी का जूस बनाने के बाद उसे एक बार टेस्ट कर के देखें। यदि जूस कड़वा हुआ तो उसका सेवन न करें। क्योंकि यह पेचिश और गैस के साथ जी-मचलाना जैसी समस्या दे सकता है।

लौकी की औषधीय फायदे :-

    1. कमजोरी दूर करे : लौकी के 2-3 पत्तों को छोटा-छोटा काटकर एक गिलास पानी में धीमी आंच पर उबालें , जब पानी आधा रह जाए तब उसे छानकर पीने से शरीर की शक्ति बढ़ती है।
    2. दस्त : यदि दस्त बार-बार आ रहे हों तो लौकी के रायता का सेवन करना चाहिए |
    3. हृदय रोग:  250 मिली. लौकी के रस + 5 पुदीने की पत्तियां + 10 तुलसी की पत्तियों का रस आपस में मिलाकर प्रातः खाली पेट,  दोपहर को भोजन के 2 घंटे बाद एवं रात्रि को भोजन के आधा घंटा बाद लेना चाहिए। पहले तीन-चार दिन रस की मात्रा कुछ कम ली जा सकती है। बाद में ठीक से हजम होने पर रोजाना तीन बार 250 मिलीलीटर रस लें। रस हर बार ताजा लेना चाहिए। यदि कब्ज रहता है तो प्रारंभ में यह रस लेने से पेट में कुछ खलबली, गड़गड़ाहट आदि महसूस होती है, जोकि मल निष्कासन की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। इससे घबराना नहीं चाहिए। तीन-चार दिन में पेट के विकार दूर होकर सामान्य स्थिति हो जाती है। इसे नियमित दो-तीन मास आवश्यकतानुसार लेने से हृदय रोगी ठीक होने लगता है |
    4. पैर के तलवों की जलन : लौकी को काटकर पैर के तलवों पर मलने से उसकी जलन में राहत मिलती है।
    5. दांत दर्द: 75 ग्राम लौकी एवं  20 ग्राम लहसुन, दोनों को पीसकर एक लीटर पानी में उबालें जब आधा पानी रह जाये तो छानकर कुल्ला करने से दांत दर्द दूर होता है।
    6. बिच्छू के डंक: जिस अंग में बिच्छू का डंक लगा हो वहां पर लौकी को पीसकर लेप करने एवं  लौकी का रस पिलाने से  बिच्छू का जहर उतर जाता है।
    7. पीलिया: लौकी को धीमी आग में दबाकर भुर्ता-सा बना लें फिर इसका रस निचोड़कर थोड़ा सा मिश्री मिलाकर पीयें यह लीवर की बीमारी और पेट के अन्य रोगों के लिए लाभकारी है।
    8. टायफायड : लौकी के टुकड़ों को पैर के तलवों पर  मालिश करने से टायफाइड बुखार की जलन दूर होती है।
    9. दमा : लौकी पर गीला आटा लेपकर एक साफ कपडे़ में लपेट दें तत्पश्चात गर्म राख या गर्म रेत में दबा दें। आधे घंटे बाद आटा उतारकर उस भुरते का रस निकालकर प्रातः खाली पेट 40 दिन तक सेवन करेने से दमा में अत्यंत लाभ होता है |
    10. बवासीर (वादी) :  लौकी अथवा तुलसी के पत्तों को पानी के साथ पीसकर बवासीर के मस्से पर दिन में दो से तीन बार लगाने से मस्सों का दर्द व जलन कम होती है तथा मस्से नष्ट होते हैं।
    11. बवासीर (खूनी) :लौकी के छिलके को छाया में सुखाकर पीसकर रख लें | 7-8 दिन लगातार 1 चम्मच चूर्ण  सुबह-शाम ठण्डे पानी के साथ लेने से बवासीर में खून का आना बंद हो जाता है।
    12. नकसीर: लौकी को उबालकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) में आराम मिलता है।
    13. घुटनों का दर्द : लौकी को पीसकर घुटनों पर रखकर कपड़े से बांधने से  घुटने का दर्द दूर होता है ।
    14. चेहरे की झांई:  लौकी के ताजे छिलके को पीसकर चेहरे पर लेप करने से झाईयां समाप्त हो जाती हैं एवं चेहरा सुन्दर हो जाता है।
    15. मुंह के छाले : लौकी के बीजों को पीसकर होठों पर लगाने से जीभ और होठों के छाले ठीक हो जाते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

साभार :-  https://cure100.wordpress.com/http://www.vedicvatica.com/