हड्डी अस्पताल बना ठगी का अड्डा

रिपोर्ट : सीवी यादव , रीडर टाइम्स

हरदोई : जी हाँ सुनकर हैरान हो जाएंगे आप कि आम जनमानस जिस डॉक्टर को धरती का भगवान मानते है वही डॉक्टर गरीबों को गलत तरह से गुमराह कर उनकी मेहनत की कमाई को लूटकर हैवान बनने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है . हरदोई शहर के लखनऊ रोड पर कई सालों से प्रैक्टिस कर रहा यह डॉक्टर अनगिनत भोले- भाले गरीबो को अपनी इस काली करतूत का शिकार बना चुका है . ऐसा इस अस्पताल में अक्सर देखने को मिल जाता है कि जिन मरीजो को मामूली चोट आई हो और उनके हड्डी में नाममात्र फ्रैक्चर हो जो कि बिना प्लास्टर किये ही चिकित्सक के उचित देखरेख, दवाई व परामर्शानुसार ठीक हो सकते हों . लेकिन ये डॉक्टर गैर जरूरी होते हुए भी उन गरीबो को गुमराह करके ऑपरेशन करवाने को मजबूर कर देता है जिससे कि उनकी जेब पर ढंग डाका डाला जा सके .

ऐसा ही एक मामला आज फिर देखने को मिला जो कि इस प्रकार है . आज सुबह करीब 9 बजे अंकित गुप्ता पुत्र ओमपल निवासी गुप्ता कॉलोनी शहर हरदोई अपनी बाइक से जाते समय अचानक सामने मवेशी आ जाने से बाइक से गिर पड़ा. जिससे सिर व बाये कन्धे पर मामूली चोट आई . फ्रैक्चर की आशंका से यह डॉक्टर तोमर के पास गया फिर क्या था डॉक्टर साहब ने आनन – फानन में एक्सरे कराया और लम्बी दवाइयों की लिस्ट थमा दी और तुरन्त 28 हज़ार रूपये का बंदोबस्त करने को कहते हुए बताया कि हड्डी टूट गयी है . जिसके लिए तुरन्त आपरेशन कर प्लेट डालना ज़रूरी है . लड़के को डॉक्टर की बात पर यकीन करना इसलिए मुश्किल हो गया क्योंकि चोट वाली जगह पर कोई सूजन नही थी और सारी उगलिया और कन्धा सुचारू रूप से कार्य कर रहा था . लेकिन मामूली दर्द हो रहा था सो किसी की सलाह पर यही लड़का शिव शक्ति अस्पताल में डॉक्टर पीसी गुप्ता के पास गया , जहाँ उन्होंने आदर्श डॉक्टर की भूमिका निभाते हुए कुछ दवाइया लिख दी व कुछ दिन रेस्ट करना बताया और भरोसा दिलाया कि इस चोट के लिए कोई आपरेशन या प्लास्टर की आवश्यकता नही है . लेकिन इस सम्बंध में उन्होंने कैमरे के सामने डॉक्टर यूनियन का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया.

और फिर शुरू हो जाता है हर तरफ से लूटने का खेल

अब बात करे तोमर अस्पताल में भर्ती होने के बाद की तो मरीज के भर्ती होते ही उन्हें अपनी मेहनत की कमाई से मानकों के विपरीत कई तरह के चार्ज देने पड़ते है . इतना ही नही मरीजो को उनके लिए दवा सिर्फ इसी डॉक्टर के द्वारा संचालित मेडिकल से ही लेने के लिए विवश होना पड़ता है . जिसका कोई पक्का बिल या रसीद नही दी जाती है. ज्ञात हो कि बिल के मसले पर भी इस डॉक्टर के यहां कई बार मरीजों की नोका झोंकी हो चुकी है . कई मर्तबा इस डॉक्टर के द्वारा शोषित व पीड़ित मरीजों ने इसकी शिकायत सम्बन्धित अधिकारियों से की लेकिन इस डॉक्टर की राजनीतिक पहुँच और रसूख के आगे प्रशासन बौना नज़र आया . जिससे आज भी इस डॉक्टर का गरीबो को लूटने का गोरखधंधा फलफूल रहा है . ऐसे डॉक्टरों पर लगाम लगाने के लिए , लोगो को जागरूक करने के लिए समाज के भले और हित की चिंता करने वाले समाजसेवियों को भी आगे आने की ज़रूरत है . आखिर कब तक भोली-भाली जनता चिकित्सा सेवा के नाम पर लुट कर ऐसे डॉक्टरों को मेवा देती रहेगी .