भाजपा सांसद अंजू बाला ने ट्विटर पर नाम के आगे से हटाया ‘चौकीदार’, हाईकमान से पूछा ये सवाल

रिपोर्ट : गोपाल द्विवेदी , रीडर टाइम्स

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हरदोई : भारतीय जनता पार्टी द्वारा मिश्रिख लोकसभा सीट से टिकट कटने के बाद सांसद अंजू बाला ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने अपने नाम ट्विटर पर नाम के आगे से ‘चौकीदार’ शब्द हटा दिया है। साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ लीडर जेपी नड्डा से सवाल पूछा है।  उन्होंने कहा, जिसे मैंने हराया ,अब वह अच्छा कैसे हो गया ? उन्होंने लिखा है कि “प्रधानमंत्री जी मेरा टिकट कटने पर मुझे कष्ट नहीं है मैं और मेरे समर्थक यह जरुर जानना चाहते हैं कि जो व्यक्ति 2014 के चुनाव में बीएसपी का प्रत्याशी था, जिसे मैंने हराया ,क्या कारण रहे कि हारा हुआ व्यक्ति अच्छा हो गया और आपका सांसद अच्छा नहीं रहा,मैं कारण जानना चाहती हूँ “

मिश्रिख लोकसभा सीट से भाजपा की सांसद अंजू बाला ने अपने ट्विटर हैंडल से पीएम नरेंद्र मोदी ,राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मंत्री जेपी नड्डा को ट्वीट किया है। उन्होंने पूछा कि, ‘मा० प्रधानमंत्री @narendramodi जी मेरा टिकट कटने पर मुझे कष्ट नहीं है। मैं और मेरे समर्थक यह जरुर जानना चाहते हैं जो व्यक्ति 2014 के चुनाव में बीएसपी का प्रत्याशी था जिसे मैंने हराया क्या कारण रहे कि हारा हुआ व्यक्ति अच्छा हो गया और आपका सांसद अच्छा नहीं रहा, मैं कारण जानना चाहती हूँ। मालूम हो कि जिसको अंजू ने हराया,वो ही प्रत्याशी बना। 2014 के चुनावों में इन्होंने उत्तर प्रदेश की मिश्रिख लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया और 87 हजार 363 वोटों से अपने प्रतिद्वंदी अशोक कुमार रावत को मात दी।

आपको बता दें कि इस बार भाजपा ने अशोक कुमार रावत को मिश्रिख सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। टिकट काटे जाने से खफा अंजू बाला अब अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत पर उतर आईं हैं। अंजू बाला के ट्वीट के बाद से ही बीजेपी में हलचल मच गई है। हालांकि अभी तक इस विषय पर पार्टी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। डा. अंजू बाला का जन्म 6 सितम्बर, 1979 कठुआ, जम्मू-कश्मीर में हुआ था। अंजू सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। बता दें कि अंजू बाला ने 2010 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और उत्तर प्रदेश के मल्लावां क्षेत्र से ब्लॉक प्रमुख चुनी गईं। तीन साल बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं और अगले ही वर्ष लोकसभा के लिए चुन ली गईं।