इस गाँव में अभी भी जारी है हाथ से मैला ढोने की कुप्रथा

सरकार दे रही हर घर को शौचालय, वहीं इस गाँव में गन्दगी उठाने को मजबूर हैं महिलायेंहाथ से मैला ढोने कि प्रथा बिलग्राम

रिपोर्ट :  शुभेन्द्र सिंह ,रीडर टाइम
बिलग्राम/ हरदोई : एक तरफ मोदी सरकार स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत हर घर को मुफ्त शौचालय मुहैया करा रही है साथ ही स्वच्छ्ता पर जोर दे रही है | वहीं दूसरी ओर हरदोई के ब्लाक बिलग्राम का गाँव मुरोली कठेरिया दो दशक पीछे चल रहा है | जहाँ स्वच्छता मिशन के कोई मायने नहीं हैं | आज भी इस गाँव में लोग शौच के लिए प्राचीन पद्धति का उपयोग कर घर के एक कोने में खुले में शौच कर रहे हैं तथा जिसकी सफाई गाँव की ही महिलाओं द्वारा की जाती है तथा हाथ से मैला ढोकर गाँव के किनारे फेंका जाता है | एक तरफ जहाँ बहुत से लोग बदबू तथा गंदगी से दुखी हैं |

वहीं दूसरी ओर बरसात में सक्रमण भी फैल रहा है | कहा जा रहा है कि प्रधान द्वारा सेक्रेटरी के साथ मिलकर अपने चहेतों को शौचालय उपलब्ध कराये गए हैं लेकिन वे लोग जो वास्तव में इसके पात्र हैं उनको आज तक शौचालय नहीं मिला है | जिस कारण वो खुले में शौच करने के लिए विवश हैं | अब सवाल यह है कि जब सरकार द्वारा सर पर या हाथ से मैला ढोने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा हुआ है तो इस गाँव में मैला ढोने वाली महिलाएं जिम्मेदारों को क्यों नहीं दिखाई दे रही हैं और कब इन महिलाओं को और गाव वालों को इस कुप्रथा से निजात मिलेगी |