खेल खेल में बच्चो ने सीखा शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा का अधिकार

पांच दिवसीय एलएसटीडी कार्यक्रम का हुआ समापन

बच्चो के द्वारा केक काटकर बाल अधिकारों की कार्यशाला का हुआ समापन

रिपोर्ट : अंजली पाण्डेय, रीडर टाइम्सलखनऊ: वर्ल्ड विज़न इंडिया की ओर से स्लम एरिया में निवास करने वाले बच्चो के लिए बाल अधिकारों पर आधारित पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन गुरुवार को किया गया। पांच दिवसीय यह कार्यशाला खुशहाल परिवार खुशहाल दुनिया की थीम पर आयोजित थी। अकबरनगर फैज़ाबाद रोड स्थित सेंटर में समापन कार्यक्रम में ट्रेनिंग ले रहे बच्चो के द्वारा देश भक्ति गीतों पर नृत्य एवं गायन प्रस्तुत किया गया।पांच दिन की कार्यशाला में शामिल ट्रेनिंग विषय को कविता के माध्यम से बच्चो ने अतिथियों के समक्ष प्रस्तुत किया। कार्यशाला में पांच दिन ट्रेनर्स ने आपात स्थिति में पुलिस से कैसे मदद लें,घरेलू हिंसा में क्या कदम उठाए,शिक्षा के क्षेत्र में क्या बेहतर किया जाएसामान्य सम्मान के प्रकार एवं परिभाषा आदि सहित कई मुद्दों पर नर्सरी से लेकर इंटर तक के बच्चो को ट्रेनिंग दी। वर्ल्ड विज़न इंडिया की ओर से राजधानी में लवकुश नगर,चारबाग,अकबर नगर एवं डालीगंज में सेंटर बनाये गए थे।इन मुख्य सेंटर के द्वारा ट्रेनिंग ब्रांच सेक्टर में बांटी गई थी।अतिथियों का स्वागत बच्चो के द्वारा बनाये गए ग्रीटिंग कार्ड को अतिथियों को देकर किया गया।अतिथि के रूप में पधारे सिटीसीएस फैमिली के प्रेसिडेंट एवं सोशल एक्टिविस्ट मनोज कुमार समापन कार्यक्रम की शुरुआत बच्चो के साथ मिलकर केक काटकर की एवं बच्चो का उत्साहवर्धन करते हुएबच्चो को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया एवं शिक्षा के क्षेत्र में हर रुकावट से लड़कर आगे बढ़ने की सीख दी।इसी के साथ मनोज कुमार एवं अकबरनगर सीडीएफ स्नेहलता धुसिया ने ने एलएसटीडी की ट्रेनर शिवानी, रश्मी, काशिफ़ा, अफ़रोज खुशबू और नूरी को वर्ल्ड विज़न इंडिया की तरफ से बैग दे कर सम्मनित किया गया ।अंजली फ़िल्म प्रोडक्शन की प्रोडक्शन इंचार्ज एवं सामाजिक कार्यकर्ता अंजली पांडेय ने भी बच्चो का उत्साहवर्धन करते हुए धैर्य और उम्मीद के साथ हर कार्य को पूरा करने की लगन पर ज़ोर दिया।

बाल अधिकार की कार्यशाला के समापन के मौके पर वर्ल्ड विज़न इंडिया के लखनऊ के प्रबंधक स्टीव डेनियल राव ने लखनऊ अकबरनगर क्षेत्र की सीडीएफ अधिकारी स्नेहलता धुसिया ने भी बच्चो को पांच दिवस में सीखे गए हर ट्रेनिंग का दैनिक जीवन मे उपयोग पर ज़ोर दिया।