कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए रुथलेस कंटेनमेंट पर करें फोकस-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जिला क्लेक्टरर्स से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान ज्यादा से ज्यादा टीमें तैयार कर घर घर सर्वे के भी मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

रिपोर्ट :-वरिष्ठ संवादददाता(हर्ष शर्मा)
जयपुर :- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए रुथलेस कंटेनमेंट पर फोकस रखा जाए और जो इलाके हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किए गए हैं, वहां कर्फ्यू और आसपास के इलाकों में लॉक डाउन की सख्ती से पालना कराई जाये। उन्होंने भीलवाड़ा मॉडल को फॉलो करते हुए ज्यादा से ज्यादा टीमें तैयार कर हर घर का सर्वे करने के निर्देश दिये बाकी सही समय पर कोरोना संक्रमित लोगों का पता चल सके और संक्रमण दूसरों में फैलने से रोका जा सके।

 

गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऋण जिलों के कलेक्टरों एवं कुरूनू संक्रमण रोकने में जुटे वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना प्रभावित जिलों में प्रतिदिन किए जा रहे टेस्ट एवं उपलब्ध टेस्टिंग किट के बारे में जानकारी ली।

क्वॉरेंटाइन सेंटर पर लोगों की सही देखभाल हो :-

मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक संख्या में क्वॉरेंटाइन सेंटर्स तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में लोगों को क्वॉरेंटाइन करने से बचें क्योंकि वहां पॉजिटिव पाए गए मरीजों के इलाज के लिए जगह रखना जरूरी है। साथ ही उन्होंने क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रखे जा रहे लोगों को सही देखभाल करने और उन्हें समय पर खाना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन में रखे गए लोगों की देखरेख करना राज सरकार का दायित्व है।

 

अलग-अलग टीमें बनाकर उन्हें टास्क सौपे :-

अशोक गहलोत ने कलेक्टर्स से कहा कि जिलों में अलग-अलग टीमें बनाकर उन्हें टास्क सौंप दिया जाये। जिला रसद अधिकारी की देखरेख में एक टीम खाने पीने की व्यवस्था को देखें को चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में टीम विभिन्न क्षेत्रों में स्क्रीनिंग पर ध्यान दें। स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण दिखाई देने पर व्यक्ति को टेस्ट कराया जाए। उन्होंने कहा कि रैपिड टेस्ट किट जल्दी आने वाले हैं, इसके बाद प्रदेश में टेस्टिंग कैप्सिटी बढ़ जाएगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को कवर किया जा सकेगा।

 

लॉक डाउन एवं कर्फ्यू का सख्ती से पालन हो :-

मुख्यमंत्री ने संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में विशेष एहतियात बरतने और वहां लॉक डाउन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा में 25 को रोना पॉजिटिव लोगों के ठीक होने के बाद अभी भी ऐहतियात के तौर 6000 लोग होम क्वॉरेंटाइन में रखे गए हैं।

 

हर घर का सर्वे सुनिश्चित करे :-

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अन्य जिलों में भी जहां पॉजिटिव मरीज मिले हैं, वहां के कलेक्टर्स इस महामारी को गंभीरता से लें और हर घर का सर्वे सुनिश्चित करें। पॉजिटिव मरीज के रिश्तेदारों, करीबियों और उनके संपर्क में आए अन्य लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जाये और जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन में रखा जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी पॉजिटिव स्वास्थ्य विभाग की टीम की नजर से बचा ना रह जाए इसका ध्यान रखें। पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के परिजनों को समझाएं कि इस महामारी को रोकने का एक उपाय आइसोलेशन में रखना है। उन्होंने सघन बसावट वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने को कहा।

 

वीसी के दौरान मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने कहा कि जरूरतमंद लोगों को भोजन एवं राशन सामग्री वितरण करने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को पूरी तरह से फॉलो किया जाये। राशन सामग्री वितरित करते हुए फोटो खिंचवाने और पब्लिसिटी करने को रोका जाए।

 

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप ने कहा कि रात सरकार की मंशा है कि लॉक डाउन के दौरान हर जरूरतमंद तक राशन सामग्री पहुंचे। ऐसे में इस बात का ध्यान रखें कि राशन किट वास्तविक जरूरतमंद तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कलेक्टर्स से क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर रखी गई लोगों और वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।

अभी तक 25000 से अधिक टेस्ट हुए :-

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में शनिवार शाम तक करीब 25000 टेस्ट किए गए हैं और कोरोना टेस्टिंग के मामले में महाराष्ट्र के बाद राजस्थान दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे टेस्ट बढ़ेंगे पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी बढ़ सकती है ऐसे में हमें संभावित स्थिति के लिए पहले से ही तैयार रहना होगा। टर्शरी केयर फैसिलिटी गंभीर स्थिति वाले मरीजों के लिए रिजर्व रखी जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स चिन्हित कर पॉजिटिव पाए गए लोगों का इलाज वही करने की तैयारी रखी जाए। जहां जांच सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां से सैंपल लेकर नजदीक के सेंटर पर भेजे जाएं।

 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भीलवाड़ा कलेक्टर ने बताया कि जिले में कम्युनिटी स्प्रेड रोकने के लिए किए गए उपायों से संक्रमण को फिलहाल काबू में कर लिया गया है। 25 पॉजिटिव रोगियों के नेगेटिव होने के बाद अभी जिले में सिर्फ एक पॉजिटिव है। प्रत्येक सीएचसी से 10 -10 सैंपल और हर डिस्पेंसरी से भी इतने ही सैंपल इकट्ठे किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 14- 14 दिन के 4 फेज बनाकर संक्रमण की स्थिति में सुधार की मॉनिटरिंग की जा रही है।

 

टोंक कलेक्टर ने बताया कि वहां पॉजिटिव पाए गए लोगों के परिवार वालों और उनके संपर्क में आए रिश्तेदारों को आइसोलेट और क्वॉरेंटाइन किया गया है। जोधपुर कलेक्टर ने बताया कि जिले में 24-27 मार्च तक ग्रामीण क्षेत्रों में 7 लाख 97 हजार एवं शहरी क्षेत्रों में 3.50 लाख लोगों का सर्वे किया गया और ट्रैवल हिस्ट्री वाले लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे के लिए बीएलओ की मदद भी ली गई। 4000 से अधिक लोगों को ग्राम पंचायत स्तर पर क्वॉरेंटाइन किया गया।

 

कोटा कलेक्टर ने बताया कि कोटा शहर में 2 हॉटस्पॉट है वहां महा कर्फ्यू लगाया गया है। जो लोग पॉजिटिव मिले हैं उनके रिश्तेदारों एवं पड़ोसियों को क्वॉरेंटाइन किया गया। बीकानेर कलेक्टर ने जानकारी दी कि वहां प्रतिदिन 100 से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से जिस महिला नूरजहां की मृत्यु हुई थी उसके घर में 24 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि स्क्रीनिंग के दौरान जिनमें फ्लू के लक्षण पाए जा रहे हैं उन लोगों का टेस्ट किया जा रहा है।

 

झुंझुनूं कलेक्टर ने बताया कि एक लाख 23 हजार से अधिक परिवारों का सर्वे किया गया है। जिले में कुल 31 पॉजिटिव मिले थे जिनमें से 11 लोग विदेश से लौट कर आए थे। वीसी में जैसलमेर एवं बांसवाड़ा कलेक्टर ने भी वहां संक्रमण रोकने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में जानकारी दी।

 

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने भी विभिन्न जिलों के कलेक्टर्स से उनके जिलों में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी ली और विभाग की ओर से उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताया।