‘ प्रशासन को दवा खाकर चकमा दे रहे प्रवासी मज़दूर ,

संवाददाता अमित पांडेय

रीडर टाइम्स

*  बुखार की दवा खाकर थर्मल स्क्रीनिंग करा रहे प्रवासी मज़दूर।
* कई ट्रेनों में पैरासिटामोल के रैपर मिलने से हड़कंप।
* प्रदेश में अब तक लगभग 10 लाख मज़दूर आधिकारिक रूप से हुए दाखिल।

लखनऊ : कोरोना संकट के चलते प्रदेश सरकार ने देश में सबसे पहले प्रवासी मज़दूरों को वापस अपने घर लाने की बात कही थी और तभी से उनकी वापसी की योजनाओं का खाका खिंचना तैयार हो गया था ,जिसे बाद में मुख्यमंत्री योगी ने अमली जामा पहनाया जिसकी वजह से अब तक प्रदेश में लगभग 16.50 लाख मज़दूर आधिकारिक रूप से आ चुके हैं. दरअसल उत्तर प्रदेश के हजारों श्रमिक महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक और केरल में फंसे हुए हैं। जिन्हें वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। गाड़ियों से प्रतिदिन चारबाग रेलवे स्टेशन ,लखनऊ जंक्शन और आस-पास के अन्य जिलों के रेलवे स्टशनों पर मजदूरों को लाया जा रहा है। जहां उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है, ताकि कोरोना के लक्षण नजर आने पर उन्हें इलाज के लिए भेजा जा सके, लेकिन मजदूर बुखार की दवा खाकर थर्मल स्कैनर को गच्चा दे रहे हैं। इसका खुलासा ट्रेन में मिले दवाइयों के खाली रैपर से हुआ है। लगातार कई ट्रेनों में पेरासिटामोल दवाइयों के रैपर मिलने से सरकारी तंत्र में हड़कंप मच गया है. यह खुलासा लाखों मज़दूरों के प्रदेश वापस आ जाने के बाद हो पाया है हाल ही में हरदोई जिले के रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मज़दूरों को लेकर एक ट्रैन आयी थी, भास्कर टीम वहां मौजूद थी, तभी हमारे कान में कुछ लफ्ज़ पड़े ” ददुआ गोली खाई लई कि नाहीं, घरे नाइ पहुँच पहियौ ” जिसका मतलब है , एक व्यक्ति एक अधेड़ से कह रहा था, कि तुमको बुखार था , गोली खाई कि नहीं, क्यूंकि स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग में तुम पकड़ जाओगे और अपने घर नहीं पहुँच पाओगे, लेकिन अचानक उमड़ी भीड़ में उस शख्स को पहचानना मुश्किल हो गया , सभी को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद बसों के ज़रिये अपने घरों तक पहुंचा दिया गया ।चारबाग रेलवे स्टेशन पर भी 3 मई से अभी तक तकरीबन 35 से 40 श्रमिक स्पेशल ट्रेन आ चुकी है जिनसे करीब 60,000 मजदूर राजधानी पहुंचे हैं।विभिन्न शहरों से इस तरह की सूचनाएं मिलने पर इसकी बिक्री को नियंत्रित करने के लिए ड्रग विभाग की ओर से हाल ही में एक सर्कुलर भी जारी किया गया है। जिसके तहत ई-पोर्टल पर पैरासिटामॉल खरीदने वालों का नाम, पता व मोबाइल नंबर दर्ज करना जरूरी कर दिया है। ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें ट्रेस किया जा सके।

पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना के केस एक दम से बढ़ गए है, और कई जिले वापस रेड जोन में आ रहे हैं,और अभी भी बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूरों का वापस आना बाकि है, ऐसे में पिछले दो महीनों में जो मेहनत प्रदेश सरकार और हर जिले के प्रशासन ने करी थी, वो मिट्टी में मिलती हुई नज़र आ रही है ।