छीजत कम करने के लिए तय करें अधिकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी;मुख्यमंत्री

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स

जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की बिजली कंपनियों के बेहतर संचालन के लिए प्रसारण एवं वितरण में होने वाली छीजत को न्यूनतम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हर फीडर पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। साथ ही कंपनियों की वित्तीय कुशलता के लिए एक प्रभावी मॉनीटरिंग सिस्टम बनाया जाए।गहलोत बुधवार शाम को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बिजली कंपनियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छीजत के कारण बिजली कंपनियों को बड़ा नुकसान होता है और यह घाटा बढ़कर कंपनियों को आर्थिक दबाव में ला देता है। हमारा प्रयास हो कि छीजत से होने वाला नुकसान कम से कम हो ताकि बिजली कंपनियां सुचारू रूप से संचालित होती रहें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए बिजली उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण कंपनियां अपनी कार्यकुशलता बढाएं और तीनों स्तर पर अनावश्यक खर्चों को कम करने का प्रयास करें, ताकि घाटे को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि मॉनीटरिंग को प्रभावी बनाकर बिजली चोरी को रोका जाए। अधिकारी इसके लिए फील्ड में लगातार भ्रमण एवं औचक निरीक्षण करें। बैठक में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि भारत सरकार ने बिजली उत्पादकों के बकाया को चुकता करने के लिए 90 हजार करोड़ का जो तरलता पैकेज लेकर आई है, इसमें राज्य की उत्पादन कंपनियों को भी शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र के समक्ष रखा जाए। इससे उत्पादन कंपनियों में तरलता बढ़ सकेगी और वे बेहतर ढंग से काम कर पाएंगी।

प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा अजिताभ शर्मा ने बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति, एटीएंडसी लॉस तथा आगामी कार्ययोजना के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि विभाग छीजत को कम करने तथा उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। बिजली कंपनियों के कुशल वित्तीय प्रबंधन के लिए भी नवाचारों पर जोर दिया जा रहा है।

बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, शासन सचिव वित्त (बजट) हेमन्त गेरा, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी पी. रमेश, प्रसारण निगम के सीएमडी दिनेश कुमार सहित सभी विद्युत कंपनियों के प्रबंध निदेशक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।