कोटखाई गैंगरेप में आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया|CBI सुलझाएगा मामला

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हिमाचल प्रदेश के शिमला के चर्चित कोटखाई गैंगरेप केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) की ओर से गिरफ्तार किए गए एक आरोपी को आज शिमला में सत्र न्यायालय में पेश किया गया।सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपी को 14 दिनों की ज्यूडीशियल कस्टडी में भेज दिया।

 

अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. गिरफ्तार व्यक्ति के डीएनए का घटनास्थल से बरामद अनुवांशिक सामग्री से मिलान हो गया है|पिछले साल जुलाई में कोटखाई के जंगलों में लड़की का शव बरामद होने के बाद चुनावी प्रदेश में राजनीति गरमा गई थी और यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था| स्थानीय पुलिस ने संदेह के आधार पर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था| लेकिन झूठ पकड़ने की मशीन से जांच के बाद उन्हें बरी कर दिया था|

 

एजेंसी ने अब अनिल कुमार नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है| उन्होंने बताया कि अनिल कुमार का डीएनए घटनास्थल तथा शव से बरामद अनुवांशिक सामग्री से 100 प्रतिशत मिलता है| उन्होंने कहा कि संदिग्ध हिमाचल प्रदेश का ही निवासी है लेकिन वह दूसरे क्षेत्र से है| अपराध के बाद वह छिप कर रह रहा था|

 

छह जुलाई 2017 को एक स्कूली छात्रा का शव शिमला जिला के कोटखाई के दांदी जंगल में मिला था। इसके बाद पुलिस ने दुराचार और हत्या का मामला दर्ज किया। मामले में छह आरोपी पकड़े गए थे, इनमें राजेंद्र सिंह उर्फ राजू, हलाइला गांव, सुभाष बिस्ट (42) गढ़वाल, सूरज सिंह (29) और लोकजन उर्फ छोटू (19) नेपाल और दीपक (38) पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार से है। पुलिस ने छह आरोपियों को पकड़कर इस मामले को सुलझा लेने का दावा किया था।

 

जुर्म कबूल कराने के लिए एक आरोपी सूरज को थाने में ही पीट-पीटकर मार डाला गया। बाद में जनाक्रोश भड़का तो जांच सीबीआई को देनी पड़ी। पुलिस ने जिन आरोपियों को छात्रा के कत्ल और दुराचार के आरोप में पकड़ा, सीबीआई ने उन्हें मुजरिम नहीं माना। सीबीआई ने सूरज हत्याकांड में आईजी, एसपी समेत आठ पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा बनाया व अब जाकर एक चिरानी को गिरफ्तार किया है।