सरकार ने वापस भेजा जस्टिस जोसेफ का नाम,इंदु मल्होत्रा शुक्रवार को ले सकती हैं शपथ

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वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ ले सकती हैं। बता दें कि इंदु देश में वकील से जज बनने वाली पहली महिला होगी।सुप्रीम कोर्ट के पांच वरिष्ठतम जजों के कोलेजियम ने 22 जनवरी को जस्टिस केएम जोसेफ और मल्होत्रा की नियुक्ति की सिफारिश की थी।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ” इंदु मल्होत्रा बहुत कुशल वकील हैं और एक बेहतरीन जज साबित होंगी।” हालांकि उन्होंने सरकार द्वारा जस्टिस केएम जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं देने पर आपत्ति जताई।

 

हालांकि ये स्पष्ट किया कि उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ की नियुक्ति की फाइल फिलहाल रुकी है। सूत्रों के अनुसार न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम की सिफारिश पर सरकार को लग रहा है कि कॉलेजियम ने वरिष्ठता और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को नजरअंदाज किया है। न्यायमूर्ति जोसेफ उच्च न्यायालयों के 669 जजों की वरिष्ठता सूची में 42वें नंबर पर हैं।

 

इंदु मल्होत्रा पहली महिला वकील हैं जिन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनाया जा रहा है।मल्होत्रा का जन्म 1965 में बंगलुरू में हुआ और वे बहुत कम उम्र में दिल्ली आ गई थीं।उनके पिता ओम प्रकाश मल्होत्रा भी वकील थे।इंदु मल्होत्रा ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया था।

 

वकालत शुरू करने से पहले कुछ समय के लिए उन्होंने दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलेज और विवेकानंद कॉलेज में पढ़ाया।1988 में वे सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड चुनी गईं।सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में इंदु मल्होत्रा को वरिष्ठ वकील नियुक्त किया। जस्टिस लीला सेठ के बाद मल्होत्रा दूसरी महिला थीं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील नियुक्त किया।

 

मल्होत्रा ने सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी), दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) जैसे कई वैधानिक संस्थाओं का सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रतिनिधित्व किया है।