अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर पर बवाल

AMU

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में अब पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर बवाल मच गया है .बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने एएमयू के वीसी को चिट्ठी लिखकर इसका कारण साफ करने के लिए कहा है कि वहां ये तस्वीर क्यों लगी हुई है.

जिन्ना की यह तस्वीर एएमयू में स्टूडेंट्स यूनियन के हॉल में लगी है. संसद ने पत्र के जरिये AMU के VC से यह पुछा है की आखिर क्या मजबूरी थी की जिन्ना की तस्वीर सेंट्रल हॉल में लगी है. पूरा देश जनता हैं कि जिन्ना देश के बंटवारे के मुख्य सूत्रधार थे.

बीजेपी सांसद ने यह भी लिखा है कि उन्हें नहीं पता कि ये तस्वीर यूनिवर्सिटी के किस विभाग में और किन कारणों से लगाई गई है. उन्होंने आगे लिखा है कि पाकिस्तान की ओर से वर्तमान में भी गैर जरूरी हरकतें जारी हैं, ऐसे में जिन्ना की तस्वीर एएमयू में लगाना कितना तार्किक है.

jinnah-2.jpg-ns-1024x574

एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने जवाब देते हुए कहा है की कि जिन्ना की तस्वीर छात्र संघ के सेंट्रल हॉल में लगी है, ‘एएमयू छात्रसंघ की स्थापना 1905 में हुई थी. ये एक स्वतंत्र संस्था है. 1938 में भारत जब अविभाजित था तब एएमयू छात्रसंघ के पदाधिकारियों ने जिन्ना को मानद आजीवन सदस्यता से नवाजा था. सबसे पहले ये सदस्यता महात्मा गांधी को दी गई थी. इसी तरह जवाहर लाल नेहरु, सीवी रमण, रबीन्द्र नाथ टैगौर, डॉ राजेंद्र प्रसाद और डॉ बी आर अंबेडकर को भी ये सदस्यता दी गई. सभी की तस्वीरें सेंट्रल हॉल में लगी हैं. उस वक्त समाज और देश के लिए योगदान देने वालों को ये सदस्यता दी गई.’ उस्मानी ने ये आरोप भी लगाया कि जो लोग एससी/एसटी एक्ट को हल्का करना चाहते हैं वहीं इतिहास को भी पलटना चाहते हैं.

हालांकि एएमयू प्रशासन को आधिकारिक रूप से कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है लेकिन उसे मीडिया के जरिए इसकी जानकारी हुई. एएमयू के पीआरओ शैफी किदवई ने बताया की यूनिवर्सिटी का छात्रसंघ एक स्वतंत्र संस्था है. इसने 1920 में आजीवन सदस्यता दिए जाने की शुरूआत की थी.
इस के अलावा एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान, महात्मा गांधी, जिन्ना, जवाहर लाल नेहरू और अन्य नेताओं की भी तस्वीर लगी है .