राजनीतिक वर्ग को अपनी बात का करना चाहिए आत्ममंथन : देश की अदालत ,


संवाददाता राजनीश कुमार पाण्डेय
रीडर टाइम्स न्यूज
देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा है कि राज्य को अपनी ताकत का इस्तेमाल किसी राजनीतिक विचारधारा या पत्रकारों को धमकाने के लिए नहीं करना चाहिए। अदालत ने कहा कि राजनीतिक वर्ग को अपनी बात रखते वक्त आत्ममंथन करना चाहिए कि वो क्या कह रहे हैं। आज के ट्विटर युग में उन्हें और भी ज्यादा जिम्मेदार होना चाहिए। जस्टिस एस के कॉल और एम एम सुंदरेश की खंडपीठ ने एक न्यूज वेब पोर्टल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की। यह मामला पश्चिम बंगाल में छपे एक आर्टिकल से जुड़ा हुआ है।

अदालत ने कहा कि यह देश अपनी विभिन्नता पर गर्व करता है , यहां अलग-अलग विचारधारा और सोच हो सकती है जिसमें राजनीतिक विचारधारा भी शामिल है। यह प्रजातंत्र का एक अहम तत्व है। ‘ राज्य की ताकतों का इस्तेमाल कभी भी राजनीतिक विचारों या पत्रकारों को डराने के लिए नहीं करना चाहिए जो सार्वजनिक डोमेन में है, उसका परिणाम पत्रकारों को भुगतना पड़ता है।’ अदालत ने यह भी कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि एक पत्रकार किसी मामले में किस तरह रिपोर्ट करते हैं इसे लेकर वो अपनी जिम्मेदारियों से भागें अदालत में पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दुबे मौजूद थे।