बुरहान वानी गैंग का हुआ सफाया , सुरक्षाबलों ने आतंकियों के फिर छुड़ाए छक्के

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श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के शोपियां के बडगाम में चल रही मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली । सुरक्षाबलों ने हिजबुल कमांडर सद्दाम पादर और उसके दो साथियों बिलाल मौलवी और आदिल समेत 5 आतंकियों मार गिराया। मारे गए आतंकियों में एक कश्मीर विश्वविद्यालय का असिस्टेंट प्रोफेसर भी शामिल है।

 मुठभेड़ शुरू होने के साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय युवक भड़काऊ नारेबाजी करते हुए मुठभेड़ स्थल की तरफ रवाना होने लगे। कुछ मौके पर भी पहुंच गए और उन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरु कर दिया। स्थिति को बिगड़ता देख सुरक्षाबलों ने भी उन्हें खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया और इसके साथ ही बादीगाम,रोहमू व उसके साथ सटे इलाकों में हिंसक झड़पें शुरू हो गई। इनमें सात लोग जख्मी हुए हैं। बताया जा रहा है कि घायलों में एक आसिफ अहमद को गोली लगी है। फायरिंग में पुलिसकर्मी अनिल कुमार और 44 आरआर का एक जवान जख्मी हुए हैं।

पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने जानकारी दी की पांच आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। हालांकि एसएसपी ने मारे गए आतंकियों के नामों की पुष्टि नहीं की है,लेकिन संबिधत सूत्रों ने बताया कि मारे गए आतंकियों में हिजबुल मुजाहिदीन का 15 लाख का ईनामी डीविजनल कमांडर सद्दाम पादर, असिस्टेंट प्रोफेसर मोहम्मद रफी बट, आदिल व दो अन्य हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मारे गए आतंकियों में हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर सद्दाम पादर भी है। सुरक्षाबलों ने सद्दाम के साथ बिलाल मौलवी और आदिल मलिक को भी घेर लिया था। सद्दाम हिज्बुल का शीर्ष आतंकी कमांडर है और वह बुरहान ब्रिगेड में शामिल एकमात्र जीवित हिज्बुल कमांडर था। आतंकियों में कश्मीर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर भी शामिल है। कश्मीर विश्वविद्यालय में सोशियोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर मोहम्मद रफी बट गत शुक्रवार को नमाज के बाद से ही लापता था। उसकी गुमशुदगी को लेकर गत शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों, प्रोफेसरों व उसके परिजनों ने एक प्रदर्शन भी किया था। पुलिस ने भी उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज करते हुए छानबीन शुरु कर दी थी।

सुरक्षा बलों ने आतंकियों पर अंतिम वार से पहले उन्हें सरेंडर का भी मौका दिया. भट के परिजन मौके पर बुलाए गए और उनसे अपने बेटे को आतंक की राह छोड़ देने की अपील करवाई गई. खुद शोपियां के एसपी ने माइक पर आतंकियों से कहा कि वे गोली चलाना बंद कर दें और सरेंडर कर दें क्योंकि आतंक से उन्हें कुछ नहीं हासिल होने वाला ,लेकिन आतंकियों ने किसी की नहीं सुनी और फायरिंग जारी रखी. जवाब कार्रवाई में पांचों आतंकी ढेर हो गए.