
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि भगवान जीवन देता है लेकिन उसे बचाने का काम डॉक्टर करता है, लेकिन जब वही डॉक्टर लापरवाही पर उतर आए तो स्थिति बहुत भयावह हो जाती है। डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते एक मासूम की दर्दनाक मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार मासूम की मौत तब हुई जब अस्पताल में उसका इलाज हो रहा था। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि कंपाउंडर ने गलत दवा लगा दी जिसके चलते उसकी मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। डॉक्टरों ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है। फिलहाल पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है ।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि सुभाष मौर्य का कस्बा सिधौली के सिधौली-मिश्रीख मार्ग पर ढाबा है। उसकी 14 वर्षीय पुत्री मीनाक्षी मौर्य को उल्टी हो रही थी जिसके चलते परिजनों ने उसे कस्बे के मनीष अस्पताल में भर्ती करवाया था। परिजनों का कहना है कि उनकी बच्ची को उल्टी हो रही थी तथा कमजोरी भी थी जिसके चलते डॉक्टर ने उसे ग्लूकोस चढ़ाना शुरू किया एवं पर्चे पर दवाइयां लिखकर चले गए,

जिसके बाद कंपाउंडर ने अपना खेल शुरू किया। कंपाउंडर ने दो इंजेक्शन लगा दिए जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई और देखते ही देखते महज कुछ मिनटों में ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। मासूम की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा काटना शुरू कर दिया।
सूचना मिलने पर पहुंचे डॉ कमल जैन ने बताया कि मौत के कई कारण हो सकते हैं। फिलहाल उन्होंने परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से नकार दिया है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। लेकिन बात यहीं नहीं रुकी, डॉक्टरों ने उपजिलाधिकारी को एक लिखित ज्ञापन देकर आरोप लगाया कि पीड़िता के परिजनों ने उनके साथ अभद्रता की तथा मारपीट पर उतारू थे। डॉक्टरों का आरोप है कि परिजनों ने अस्पताल में रखे कुर्सी तथा बेंच भी तोड़ दिए हैं।




