पैरो में बिछिया पहनने में कभी न करें ये गलती , पति की जिंदगी पर पड़ सकते है असर 

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए कुछ चीजें धारण करने को अनिवार्य बताया गया है. इसमें माथे पर सिंदूर , गले में मंगलसूत्र के अलावा पैर की उंगलियों में पहनी जाने वाली बिछिया शामिल हैं. बिछिया पहनने को इतना महत्‍वपूर्ण माना गया है कि विवाह की वेदी पर इन्‍हें पहनाने की एक रस्‍म भी निभाई जाती है . बिछिया सुहाग की निशानी होती है और इसे पहनने में की गईं कुछ गलतियां पति के जीवन के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती हैं. लिहाजा इन बातों को जान लें और इनसे हमेशा बचें.

बिछिया पहनने में न करें ये गलतियां:
– हिंदू धर्म-शास्‍त्रों से लेकर ज्‍योतिष और वास्‍तु शास्‍त्र तक में इस बात का उल्‍लेख किया गया है कि बिछिया कभी भी सोने के नहीं पहनने चाहिए. चांदी के बिछिया पहनने को ही उपर्युक्‍त माना गया है. पैरों में कभी भी सोने के गहने धारण नहीं करने चाहिए , फिर चाहे वह बिछिया हो , पायल हो या अन्‍य कोई आभूषण.

– बिछिया केवल आभूषण नहीं है, वह सुहाग की निशानी है, उसे कभी भी दूसरी महिलाओं को ना दें. ना ही बिछिया को कभी किसी से बदलें. ऐसा कीने से पति का तनाव बढ़ता है. उसे धन हानि होती है और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ता है.

– कभी भी आवाज करने वाली पायल या बिछिया न पहनें. भले ही घुंघरुओं की आवाज सुनने में मधुर लगती है लेकिन वास्‍तु के मुताबिक ऐसे आभूषण जीवन में प‍रेशानियां ला सकती हैं. लिहाजा आवाज न करने वाले या बिल्‍कुल कम आवाज करने वाले गहने पहनें.

– बिछिया हमेशा पैर की दूसरी उंगली में पहना जाता है. कई महिलाएं पैर की एक से ज्‍यादा उंगलियों में और अंगूठे में भी बिछिया पहनती हैं.

– ऐसा करते समय ध्‍यान रखें कि अन्‍य उंगलियों में बिछिया पहनें या न पहनें लेकिन अंगूठे के बाद की उंगली में बिछिया अवश्‍य पहनें.