प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थारू विकास परियोजना बिशुनपुर विश्राम बना शो पीस

ब्यूरो रिपोर्ट रमेश कुमार शर्मा
रीडर टाइम्स न्यूज़
डिलीवरी के नाम पर सो पीस साबित हो रहा है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र विकास योजना
दो महिला स्टाफ तैनात होने के बावजूद भी क्षेत्र वासियों को नहीं मिल रही सुविधाएं
बलरामपुर :- विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत थारू बाहुल्य ग्राम पंचायत विशुनपुर विश्राम में जंगली क्षेत्र में जीवन यापन करने वाले थारू जनजाति के लोगों के विकास के लिए प्रदेश की योगी सरकार भी काफी प्रयासरत है लेकिन कर्मचारियों के मनमानी के चलते सारी योजनाएं फेल साबित हो रही है आप को बताते चलें कि थारू बाहुल्य क्षेत्र विशुनपुर विश्राम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है जहां पर कुछ वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा थारू जनजाति के महिलाओं के प्रसव हेतु प्रसव कक्ष का शुभारंभ किया गया था जिसमें एक नर्स व एक एन एम भी नियुक्त हैं लेकिन इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एन एम ज्यादा तर छुट्टी पर ही रहती हैं नर्स मैडम की तबियत अक्सर खराब रहती है कुछ सूत्रों के मुताबिक अगर एन एम अनीता अगर पी एच सी पर रहती भी हैं तो अगर केस आता भी तो बिना जांच किए बाहर से ही केस रिफर कर प्राइवेट चिकित्सों के यहां जानें का सलाह देकर भेज देतीं हैं जहां पर मोटी कमीशन भी मिलता है जब इस सम्बन्ध में चिकित्सा अधिकारी डॉ अवधेश कुमार चौधरी जी से जानकारी लिया गया तो उन्होंने कहा कि अगर हम छुट्टी नहीं देते हैं तो ऊपर के अधिकारियों से छुट्टी ले लेती है इस सब संबंध में सैलरी पर रोक लगा दिया था वह भी ऊपर के अधिकारियों से मिलकर निकलवा लेती हैं इससे यह साबित हो रहा है कि कहीं न कहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को तोड़ने में ऊपर के अधिकारी भी शामिल है क्षेत्र के लोगों ने बताया कि एक वर्ष पूर्व यहां पर एक एम्बुलेंस भी लगाया गया था जिससे क्षेत्र वासियों को अच्छी सुविधा मिलती थी केस भी काफी होता था जब यहां पर एक ही महिला स्टाफ नर्स तैनात थी लेकिन जब से इस चित्सालय में दूसरी महिला एन एम की तैनाती हुई तब से सारी व्यवस्थाएं खराब हो चुकी है ऐसे व्यवस्था को देखते हुए स्वास्थ्य केंद्र में लगे एम्बुलेंस को भी हटा दिया गया जिससे क्षेत्र वासियों को काफी समस्या हो रही है व जंगलों के बीच खराब कच्चे रास्तों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा से 15से 20किमी. एम्बुलेंस आने में घंटों लग जाता है जिससे प्रसव पीड़ा के दौरान महिलाओं में काफी भय बना रहता है इन सब समस्या के समाधान हेतु क्षेत्र वासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है।