‘आखिर शेर को सामने आना ही पड़ा’ , क्यूँ हुई शिवपाल की विजय ? क्या होगा आगे ?

मुलायम सिंह

4 दिनों के यादव वंश के घमासान के बाद आखिर शेर को सामने आना ही पड़ा . ये किसी से छिपा नहीं है की समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की छवि किसी शेर से कम नहीं है, क्योंकि जब शेर दहाड़ता है तो सब अपने-अपने स्थानों पे वापस भाग जाते है . इतने दिनों की रस्साकसी के बाद जब मुलायम ने कोई निष्कर्ष निकलता नहीं देखा तो फिर उन्होंने वही किया जो वो हमेशा से करते आये हैं , “फैसला “, और समाजवादी में मुलायम का फैसला सर,आँखों पर .

यह सभी भली भांति जानते है कि मुलायम पार्टी में सभी का ख्याल रखना बखूबी जानते है और जो वो बोलते है , उसको कोई भी नहीं काट सकता, अब वो चाहें बेटा हो या भाई. मुलायम अपने तरीके से पहले सबको मनाने, समझाने का पूरा प्रयास करते है , और जब फिर भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आती , पानी सर के ऊपर से बहने लगता है, तब फिर समाजवादी में अंतिम आदेश जो भी होता है, मुलायम का ही होता है.

शुक्रवार सुबह पार्टी कार्यालय पहुँच कर समाजवादी कार्यकर्ताओं और मीडिया के सामने मुलायम सिंह ने अपने फैसले का ऐलान किया.

क्या कहा मुलायम सिंह ने :-

# परिवार में कोई झगडा नहीं है , पार्टी में कोई मतभेद नहीं है , हमारे रहते पार्टी में कोई फूट नहीं पड़ सकती .

# अखिलेश का खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को हटाने के फैसले को रद्द कर दिया और कहा कि अखिलेश हमारे फैसले से सहमत हैं. बताते चलें कि गायत्री प्रजापति करप्शन केस में आरोपी हैं.

# मुलायम ने भाई शिवपाल के पक्ष में बात करते हुए कहा कि परिवार में सब एक साथ हैं, किसी में कोई मतभेद नहीं है, और न ही हो सकता है.

# सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं और मीडिया से बात करते हुए मुलायम ने कहा की गलती हमारे ही लोगों की है जिन्होंने मीडिया को कुछ कहने का मौका दिया.

# मुलायाम सिंह ने कहा कि अखिलेश आये थे , हमसे मिल कर चले गए , चुनाव में कैसे काम करना है, ये बता दिया गया है, कहीं कोई मतभेद नहीं है. हम अपने क्षेत्र से चुनावी दौरा शुरू करेंगें .

 

बिना नाम लिए हुए अमर सिंह की ओर इशारा :-

“वो कौन सी शक्तियां है जो नहीं चाहती कि समाजवादी पार्टी की सरकार बने। बहुत बड़ा परिवार है। समाजवादी परिवार है। हमारे परिवार में थोड़ा-बहुत तो होता रहता है। कोई भी मतभेद नहीं है। बस यही कहा है कि शंका-समाधान कर लेना।”

क्या कहा मुलायम ने अपने बारे में :-

# हम 11 बार विधायक बने , नेता प्रतिपक्ष रहे, रक्षा मंत्री रहे , प्रधान मंत्री बनते बनते रह गए .

# आज लालूजी से बात की, वो हमारे रिश्तेदार ही नहीं , नेता है , बड़े नेता है . उन्हें भी चिंता थी, दूर कर दी, हमने कहा की हमारी बात भी कोई टालेगा क्या ?

मुलायम क्यूँ है शिवपाल के साथ और बेटे के खिलाफ :-

# समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह के बाद नंबर 2 पर शिवपाल का नाम आता है और यह सभी जानते हैं, क्यूंकि मुलायम तो समाजवादी चेहरा है, पर शिवपाल ज़मीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से जुड़े हुए हैं .

# कुछ दिन पहले ही मुलायम ने अखिलेश को आगाह किया था कि अगर शिवपाल पार्टी से अलग हुए तो पार्टी टूट जाएगी.

# मुलायम भली भांति जानते है कि 57 मंत्रियों में से 30 मंत्री शिवपाल के वफादार हैं .इसके साथ साथ करीब 100 विधायक भी शिवपाल के साथ है. दबाव बनाने की लिए इनमें से बहुत से नेता इस्तीफा भी दे सकते थे .

बताते चले कि बीते ब्रहस्पतवार की रात जब शिवपाल के मंत्रिमंडल और अध्यक्षपद से इस्तीफे की बात बहार आई थी तो करीब 20 विधायक तत्काल शिवपाल के समर्थन में पहुँच गए थे , और कई लगातार आते जा रहे थे.

हजारों की तादात में कार्यकर्ता शिवपाल के समर्थन में उनके आवास पर एकत्रित हो गया था .

क्या है परदे के पीछे की असली कहानी :-

-ये सारा द्वंद युद्ध अखिलेश के दो मंत्रियों और मुख्य सचिव को हटाने के बाद शुरू हुआ. अगर गौर से देखें तो इस सारे घमासान के पीछे कहीं न कहीं अमर सिंह की बू आ रही है , ऐसा जानकारों को मानना है.

क्यूँ आया अमर सिंह का नाम :-

-बीते रविवार अमर सिंह ने एक 5 स्टार होटल में पार्टी रखी थी जिसमें मुलायम के इलावा शिवपाल और मुख्य सचिव दीपक सिंघल भी पहुंचे थे .

-जानकारों का कहना है की पार्टी में अमर सिंह ने मुलायम के कान में यह फूँक दिया था की गायत्री प्रजापति CBI के शक के घेरे में है, और अगर CBI गायत्री के खिलाफ कोई कदम उठती है तो इससे पार्टी, सरकार और परिवार सभी की छवि पर बुरा असर पड़ेगा . अगले ही दिन मुलायम ने अपने आवास पर अमर सिंह और दीपक सिंघल दोनों को बुलाया और बीती रात वाली बात के बारे में पूंछा , जिसके बाद दोनों ने वही बात दोहरा दी , जिसके बाद मुलायम ने अखिलेश को गायत्री प्रजापति और राजकिशोर सिंह के डिपार्टमेंट को बदलने को कहा, लेकिन बाद में दोनों को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया .

क्या होगा आगे :-

मुलायम सिंह के आगे अखिलेश कुछ बोले तो नहीं पर असल में आगे क्या होगा , यह कोई नहीं जानता है, कोई कहता है की अखिलेश कोई न कोई कड़ा फैसला लेंगे, तो कोई कहता है कि अब सब ठीक हो गया है, पर असल में क्या होगा , इसको ही राजनीती कहते हैं.